China’s Double Standards : हाल के दिनों में भारत के साथ साढे तीन हजार के संबंधों की दुहाई देकर दोस्ती का हाथ बढ़ाने वाले चीन ने मौका मिलते ही अपना असली रंग दिखाना शुरु कर दिया है. पहलगाम में हुए हमले के बाद पाकिस्तान ने चीन के साथ मिलकर नया मोर्चा खोलने की कोशिश शुरू कर दी है.खबर है कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने रूस और चीन से आग्रह किया है कि वे मिलकर एक अंतरराष्ट्रीय जांच समिति बनाएं जो इस हमले की सच्चाई सामने लाए और चीन ने पाकिस्तान के इस प्रस्ताव का समर्थन भी किया है.
China’s Double Standards : चीन रुस मिलकर बनाये निष्पक्ष जांच दल, करे भारत के आरोपों की जांच
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने रूसी समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा कि चीन, रूस या पश्चिमी देश मिलकर एक इंटरनेशनल टीम बनाएं, ताकि यह जांच हो सके कि भारत सरकार जो कह रही है वह सच है या नहीं. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी पूरी दुनिया के देशों से इसके बारे में बात कर रहे की है.
टीआरएफ ने ली जिम्मेदारी, पाकिस्तान ने आरोपों को नकारा
भारत की खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, पहलगाम हमले में पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ था. हमले के तुरंत बाद इसके मुखौटा संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने जिम्मेदारी ली थी, लेकिन चार दिन बाद अचानक यह दावा वापस ले लिया गया और अब पाकिस्तान इस हमले में अपनी संलिप्तता को नकार रहा है और उल्टा भारत पर ही झूठे आरोप लगा रहा है.
इस पूरे मामले में चीन ने पाकिस्तान का खुला समर्थन किया है.चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक रविवार को पाकिस्तानी विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार ने चीन के विदेश विभाग के अधिकारी वांग यी से फोन पर बात की जिसमें उन्होंने ‘निष्पक्ष जांच की शीघ्र शुरुआत का समर्थन किया और उम्मीद जताई कि दोनों पक्ष संयम बरतेंगे, एक-दूसरे की ओर बढ़ेंगे और तनाव कम करने के लिए काम करेंगे.’ वांग यी ने कहा कि आतंकवाद से मुकाबला करना सभी देशों की साझा जिम्मेदारी है और चीन लगातार पाकिस्तान की आतंकवाद विरोधी कार्रवाई का समर्थन करता है.
चीन हमेशा भारत खिलाफ करता है पाकिस्तान का बचाव
यह पहली बार नहीं है जब चीन ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान का बचाव किया हो. संयुक्त राष्ट्र में भी चीन लगातार पाकिस्तान को आतंकवाद के आरोपों से बचाता आया है. अब पहलगाम हमले के मामले में भी चीन का यही रवैया सामने आया है. भारत ने बार-बार दुनिया को आगाह किया है कि पाकिस्तान आतंकवाद का पालक है, लेकिन चीन अपनी रणनीतिक हितों के चलते इस सच्चाई को अनदेखा करता रहा है.