Thursday, March 28, 2024

G-20 summit 2023:कश्मीर के मुद्दे पर चीन का पाक को समर्थन,श्रीनगर में होने वाली G-20 समिट में शामिल होने से किया इंकार

दिल्ली : चीन ने एक बार फिर से कश्मीर को लेकर पाकिस्तान परस्ती का रुख अपनाया है. चीन ने कश्मीर को विवादित क्षेत्र बताते हुए जम्मू-कश्मीर में होने वाले G-20 की वर्किंग ग्रुप (20 Summit,J&K) की बैठक में शामिल होने से इंकार कर दिया है . चीन(CHINA) की तरफ से उनके प्रवक्ता ने कश्मीर को ‘विवादित क्षेत्र’ बताते हुए कश्मीर में होने वाली बैठक में शामिल होने से इंकार कर दिया है.

अगले सप्ताह श्रीनगर में G-20 के वर्किंग ग्रुप (G-20 SUMMIT KASHMIR) की बैठक होने जा रही है. भारत इस साल G-20 समिट की मेजबानी कर रहा है. G-20 के वर्किंग ग्रुप की बैठक भारत के अलग अलग शहरों में हो रही है. इस सिलसिले में अगली बैठक श्रीनगर में प्रस्तावित है लेकिन शुक्रवार को चीनी प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बयान जारी करते हुए कहा कि चीन किसी विवादित क्षेत्र में ऐसी बैठक आयोजित करने का कड़ाई से विरोध करता है. चीन पाकिस्तान का करीबी सहयोगी है.इसलिए इस बैठक में शामिल नहीं होगा.

22 -24 मई तक श्रीनगर में G-20 समिट

श्रीनगर में 22 -24 मई तक G-20 समिट (G-20 SUMMIT KASHMIR) के वर्किंग ग्रुप की बैठक होगी. भारत सरकार की तऱफ से केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को कहा कि ये बैठक अपनी वास्तविक क्षमता को दिखाने का बड़ा अवसर है. इस बैठक से दुनिया मे सकारात्मक संदेश जायेगा.

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा, “चीन विवादित क्षेत्र पर किसी भी तरह की जी20 बैठक आयोजित करने का दृढ़ता से विरोध करता है. हम ऐसी बैठकों में शामिल नहीं होंगे.”

कश्मीर को लेकर हमेशा चीन ने दिया है पाकिस्तान का साथ

भारत के अभिन्न अंग जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान की बदनीयती किसी से छिपी नहीं है. पाकिस्तान दुनिया भर के मंचों पर कश्मीर को लेकर भारत के खिलाफ प्रोपगैंडा फैलाता है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चीन ने हमेशा कश्मीर के मामले पर पाकिस्तान का साथ दिया है.जम्मू कश्मीर को लेकर चीन पहले भी बयानबाजी कर चुका है जिसे भारत खारिज करता रहा है.

चीन के बयान पर विदेश मंत्रालय का जवाब

भारत ने इस तरह के बयानों को लगातार खारिज किया है और संबंधित सभी पक्ष इन मामलों पर हमारी स्पष्ट स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ हैं. केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न और अविभाज्य हिस्से हैं और हमेशा रहेंगे.किसी भी दूसरे देश का इस पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है.”

श्रीनगर में G-20 की बैठक पर UN में भी उठा सवाल

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चीन के इंकार से पहले UN में कश्मीर को लेकर टिप्पणी की गई थी.

अल्पसंख्यक मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत फर्नांड डी वारेन्स ने इसी योजना के लिए नई दिल्ली की आलोचना की थी. वारेन्स ने आरोप लगाया था  कि भारत G20 की बैठक श्रीनगर में करा के अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को दिखाना चाहता है कि कश्मीर में सब सामान्य है. जबकि कई लोग जम्मू-कश्मीर पर भारत के कब्जे को “सैन्य कब्जे के रूप में” देखते हैं. इतना ही नहीं वारेन्स ने अपने एक ट्वीट में कहा कि बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों के उल्लंघन के दौरान जम्मू-कश्मीर में जी20 बैठक आयोजित करना “भारत द्वारा लोकतांत्रिक और अन्य अधिकारों के क्रूर और दमनकारी तरीकों से सामान्य बनाने के प्रयासों को समर्थन देने के समान होगा” ट्वीट में कहा गया था कि जम्मू और कश्मीर की स्थिति की निंदा और सिर्फ निंदा की जानी चाहिए, न कि इस बैठक के जरिए उसे दबाने और नजरअंदाज करने की कोशिश.

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