रायपुर
छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार राज्योत्सव के जरिये देश विदेश का ध्यान आदिवासी बहुल राज्य की ओर खींचने में लगी है.राज्योत्सव को आदिवासी गौरव से जोड़ कर देश और दुनिया को छत्तीसगढ़िया आदिवासियों के रंग दिखाने में लगी है. बृहद पैमाने पर आयोजित इस कार्यक्रम में देश विदेश से मेहमान बुलाये गये हैं. लेकिन बघेल सरकार के मंत्री ही इस समारोह में तवज्जो ना मिलने से नाराज हैं..बघेल सरकार के सबसे वरिष्ठ नेता और राज्य में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह पूरे कार्यक्रम से नाराज दिखाई दिये. इतने नाराज कि पूरे आयोजन से दूरी बना ली और दिल्ली पहुंच गये.
मंच पर तवज्जो नाम मिलने से नाराज हुए टीएस सिंह देव
टीएस सिंह देव ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस के मौके पर जूनियर नेताओं को मंच पर बैठाया गया लेकिन सीनियर नेताओं के एड्रेस तक नहीं किया गया.
रायपुर में ही नहीं उनके अपने विधानसभा क्षेत्र अंबिकापुर में भी राज्य गठन के 23वें वर्षगांठ के मौके पर कार्यक्रम आयोजित किये गये लेकिन इसमें मुख्य अतिथि के तौर पर संसदीय सचिव पारसनाथ राजवाड़े को बुलाया गया. मंच पर बिठाने के लिए टीएस सिंह देव को जगह नहीं दी गई.
दरअसल छत्तीसगढ में भी कांग्रेस के दो गुट हैं. बधेल गुट के लोग सिंह देव के गुट को तवज्जो नहीं देते हैं. संभवतह इसलिए इस कार्यक्रम में भी सिंह देव क मंच पर जगह नहीं मिली.
पिछले साल भी राज्योत्सव का हुआ था विरोध
ये पहला मौका नहीं है जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के दो गुट आपस में ही लड़ रहे हैं. इससे पहले 2021 में भी राज्योत्सव के आयोजन के दौरान सरगुजा कांग्रेस संगठन ने नाराजगी जताई थी.
2021 राज्योत्सव में मनेंद्रगढ़ के विधायक डॉ विनय जायसवाल को मुख्य अतिथि को तौर पर बुलाया गया था. उस समय भी कांग्रेस संगठन ने पूरे आयोजन से ही दूरी बना ली थी.
इस साल भी अव्यवस्था के कारण राज्योत्सव के बीच कांग्रेसी आपस में ही लड़ रहे हैं. अब देखना होगा कि जिस तरह से पार्टी की अंदरुनी लड़ाई सड़कों पर आ गई है, इसका क्या परिणाम होता है.

