केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि दशकीय जनगणना Census की प्रक्रिया, जिसमें देरी हो गई है, 1 मार्च 2027 को जाति आधारित गणना के साथ शुरू होने की संभावना है.
दो फेज में कराया जाएगा Census
यह जनगणना देशभर में दो फेज में कराई जाएगी. पहले फेज में जहां जनसंख्या और जाति जनगणना दोनों का कार्यक्रम 1 मार्च, 2027 से देश भर में शुरू होगा. वहीं सूत्रों के मुताबिक, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख और उत्तराखंड में यह प्रक्रिया पहले अक्टूबर 2026 से शुरू होने की संभावना है.
जनगणना के साथ ही होगी जाति जनगणना
मई में सरकार ने घोषणा की थी कि वह सामान्य जनगणना के साथ-साथ जाति जनगणना भी कराएगी. सरकार का कहना था कि इससे सरकार को नीतियां बनाने में अधिक दक्षता मिलेगी.
विपक्षी दलों की ओर से जाति जनगणना की मांग लंबे समय से की जा रही थी. सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल कई दलों ने भी इसकी मांग की थी.
राहुल गांधी ने सरकार से मांगा था जाति जनगणना का रोड मैप
मई के शुरु में पीएम मोदी के जाति जनगणना की “अचानक घोषणा” के बाद विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इसका स्वागत करते हुए कहा था कि, “यह (जाति जनगणना) हमारा मॉडल था. मुझे खुशी है कि उन्होंने इसे अपनाया है, लेकिन हम चाहते हैं कि हमें तारीखें बताई जाएं कि यह कब तक किया जाएगा और इसके लिए बजटीय प्रावधान होना चाहिए.”
यूपी चुनाव से है जनगणना की तारीख का गहरा रिश्ता
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने पीडीए को इंसाफ दिलाने का जो झंड़ा बुलंद किया है उसके बाद से माना जा रहा था कि यूपी चुनाव से पहले जाति जनगणना का एलान करना बीजेपी की मजबूरी होगी. हलांकि जनगणना कराने का एलान तो दो साल पहले हो गया लेकिन जनगणना जिसमें जातियों की गिनती भी होगी, 1 मार्च से शुरु होगी. यह ऐसा समय होगा जब उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के या तो शुरु हुए होंगे या अपने अंतिम चरण में होंगे. और जनगणना की शुरुआत प्रदेश में नई सरकार के शपथ ग्रहण से पहले ही हो जाएगी. ऐसा माना जा रहा है कि जनगणना की ये तारीखें यूपी में अखिलेश यादव और कांग्रेस के जाति जनगणना के मुद्दे से निपटने के लिए किया गया है.
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