सीबीआई आरजेडी प्रमुख लालू यादव की घेराबंदी करने में लगी हैं. माना जा रहा है कि लालू यादव के इंडिया गंठबंधन में सक्रिय होने और 2024 की रणनीति बनाने में मुख्य भूमिका निभाने की चर्चाओं के बीच सीबीआई किसी भी तरह लालू जेल वापस भेजना चाहती है. इसी कड़ी में मंगलवार को सीबीआई ने दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट को सूचित किया कि कथित भूमि नौकरी घोटाला मामले में पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ ताजा आरोप पत्र दाखिल करने के संबंध में उसे गृह मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है. इसका मतलब ये है कि 21 सिंतबर को जब कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होगी तो सीबीआई लालू यादव के खिलाफ ताजा आरोप पत्र दाखिल कर सकती है. हलांकि खुद CBI ने ये भी बताया कि फिलहाल उसे 3 रेलवे अधिकारियों के खिलाफ मंजूरी अभी तक नहीं मिली है. सीबीआई ने कहा कि शेष मंजूरी एक सप्ताह के भीतर मिलने की उम्मीद है.
चारा घोटाला मामलों में भी जमानत रदद् करने की सीबीआई ने की थी मांग
आपको बता दें 18 अगस्त 2023 को सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में चारा घोटाला मामलों में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव को झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा दी गई जमानत को चुनौती देते हुए उसपर जल्द सुनवाई की मांग की थी. सीबीआई की इस मांग पर मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली और न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने 25 अगस्त को इस मामले की सुनवाई की. कोर्ट में सीबीआई की बेल रद्द करने की मांग पर लालू यादव के वकील कपिल सिब्बल ने उनके किडनी ट्रांसप्लांट का हवाला देते हुए इसका विरोध किया. इसके जवाब में सीबीआई ने कहा कि लालू यादव फिट हैं और बैडमिंटन खेल रहे हैं.
Lalu Prasad Yadav को किस-किस मामले में हुई है सजा ?
चाईबासा ट्रेजरी – 37 हजार 70 करोड़ के अवैध निकासी के मामले में सितंबर 2013 मं 5 साल की सजा हुई. 11 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगी.
देवघर ट्रेजरी केस – बिहार के मुख्यमंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव पर यहां की ट्रेजरी से 89 लाख 27 हजार रुपये की अवैध निकासी का मामला सिद्ध हुआ.इस मामले में लालू प्रसाद यादव को साढे तीन साल की सजा और 5 लाख रुपये जुर्माने की सजा हुई.
चाईबासा ट्रेजरी से 33 करोड़ 13 लाख रुपये निकालने के दूसरे मामले में लालू प्रसाद यादव को 5 साल सजा और 5 लाख रुपया जुर्माने की सजा हुई.
दुमका ट्रेजरी केस – दुमका की ट्रेजरी से 3 करोड़ 76 लाख रुपये की अवैध निकासी के मामले में 2018 में लालू प्रसाद यादव को 14 साल की सजा और 60 लाख रुपये जुर्माना हुआ.
डोरंडा ट्रेजरी केस – डोरंडा के ट्रेजरी से सबसे ज्यदा 139 करोड़ 50 लाख रुपये की अवैध निकासी के मामले में लालू यादव को 5 साल की सजा और 60 लाख जुर्माना लगाया गया.
ऊपर के सभी मामलों में आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को नियमित जमानत मिली है.
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