Sunday, July 6, 2025

Vinesh Phogat: CAS के फैसले से पहले छोड़ा पेरिस ओलंपिक खेल गांव, फिलहाल किसी से बात नहीं की है विनेश-सूत्र

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सोमवार को भारतीय पहलवान विनेश फोगट Vinesh Phogat 33वें पेरिस ओलंपिक खेलों के समापन समारोह के बाद पेरिस ओलंपिक खेल गांव से रवाना हो गईं. पहलवान के (आज) मंगलवार को नई दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है. आज ही कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) पेरिस ओलंपिक में अयोग्य ठहराए जाने के बाद संयुक्त रजत पदक के लिए उनकी याचिका पर फैसला भी सुनाएगा.

100 ग्राम वजन ज्यादा होने के चलते अयोग्य घोषित हुई थी

ठीक एक हफ़्ते पहले, विनेश ने कुश्ती जगत में तहलका मचा दिया था जब उन्होंने पेरिस ओलंपिक के अपने पहले मुक़ाबले में तत्कालीन चैंपियन और दुनिया की नंबर 1 यूई सुसाकी को हराया था और ओलंपिक फ़ाइनल में पहुँचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनी थीं. हालाँकि, उन्हें अगली सुबह महिलाओं की 50 किग्रा फ़्रीस्टाइल स्वर्ण पदक बाउट से बाहर कर दिया गया था क्योंकि पारंपरिक वज़न मापने के दौरान उनका वज़न 100 ग्राम ज़्यादा पाया गया था.

बेहोश हो गई थी Vinesh Phogat

पिछले मंगलवार को अपने तीन मुकाबलों के दौरान बढ़े तीन किलो वजन को कम करने के लिए अत्यधिक उपाय करने के बाद, वो डिहाइट्रेट होकर बेहोश हो गई थी. जिसके बाद उन्हें खेल गांव के अंदर एक पॉलीक्लिनिक में भर्ती कराया गया था. होश में आने के बाद, उन्होंने CAS से अपील की और क्यूबा की पहलवान युस्नेलिस गुज़मान लोपेज़ के साथ संयुक्त रजत पदक की मांग की, जो सेमीफाइनल में भारतीय पहलवान से हार गई थी, लेकिन उसके अयोग्य होने के बाद अंतिम मुकाबले के लिए उसकी जगह ले ली.

विनेश ने अभी तक किसी से बात नहीं की

भारत को मंगलवार को सीएएस से सकारात्मक निर्णय की उम्मीद है, लेकिन इंडिया टुडे के करीबी सूत्रों ने पुष्टि की है कि पिछले सप्ताह अयोग्य घोषित किए जाने के बाद से विनेश बेहतर महसूस कर रही हैं, लेकिन उन्होंने अभी तक किसी से बात नहीं की है.
खेल गांव से उनके जाने से पहले सूत्रों ने वेबसाइट को बताया, “विनेश अब थोड़ा बेहतर महसूस कर रही हैं, उन्होंने थोड़ा खाना भी शुरू कर दिया है. हालांकि, वह किसी से बात नहीं कर रही हैं. हम सभी उनके साथ हैं.”

अपील के चलते पेरिस में रुकी हुई थी विनेश

सीएएस में अपनी अपील के कारण विनेश पेरिस में ही रुकी हुई थीं. पिछले सप्ताह की शुरुआत में उनकी अपील स्वीकार कर ली गई थी और शुक्रवार को सुनवाई के दौरान पहलवान वर्चुअली मौजूद भी थीं. उनका प्रतिनिधित्व वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और विदुषपत सिंघानिया ने किया और ऑस्ट्रेलिया की एकमात्र मध्यस्थ डॉ. एनाबेले बेनेट ने तीन घंटे की सुनवाई के दौरान मामले की सभी दलीलें सुनीं.
खेल न्यायालय सीएएस के तदर्थ प्रभाग को शनिवार को फैसला सुनाना था, लेकिन बाद में उन्होंने समय सीमा बढ़ाकर मंगलवार यानी आज रात 9:30 बजे तक कर दी थी.
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