Budget Session: बुधवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पर संसद में बोलने का मौका न देने का आरोप लगाया. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि कार्यवाही “अलोकतांत्रिक तरीके” से चल रही है और दावा किया कि प्रमुख मुद्दों को उठाने के उनके बार-बार अनुरोधों को नजरअंदाज किया गया.
जब भी मैं खड़ा होता हूं, मुझे बोलने से रोका जाता है-राहुल गांधी
गांधी ने संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा, “मुझे नहीं पता कि क्या हो रहा है… मैंने उनसे (अध्यक्ष से) अनुरोध किया कि मुझे बोलने दें, लेकिन वह भाग गए और मुझे बोलने नहीं दिया. सदन चलाने का यह कोई तरीका नहीं है.”
संसद के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए गांधी ने खुलासा किया कि उन्होंने आगामी महाकुंभ मेले और बेरोजगारी के बढ़ते मुद्दे पर बोलना चाहा था, लेकिन उन्हें बार-बार रोका गया. उन्होंने कहा, “मैंने कुछ नहीं किया, मैं चुपचाप बैठा रहा. फिर भी, जब भी मैं खड़ा होता हूं, मुझे बोलने से रोका जाता है. यहां लोकतंत्र के लिए कोई जगह नहीं है.”
उन्होंने कहा, “संसद को बिलकुल अलोकतांत्रिक तरीके से चलाया जा रहा है. एक नियम है कि नेता विपक्ष को सदन में बोलने दिया जाता है, लेकिन जब भी मैं बोलना चाहता हूं, मुझे बोलने नहीं दिया जाता है. लोकंतत्र में सरकार और विपक्ष की जगह होती है, लेकिन इस सदन में विपक्ष के लिए कोई जगह नहीं है.”
I don’t know what’s going on. I requested him to let me speak, but he, the Speaker, just ran away. This is no way to run the House.
संसद को बिलकुल अलोकतांत्रिक तरीके से चलाया जा रहा है।
एक नियम है कि नेता विपक्ष को सदन में बोलने दिया जाता है, लेकिन जब भी मैं बोलना चाहता हूं,… pic.twitter.com/1x5WNXiN5G
— Congress (@INCIndia) March 26, 2025
Budget Session: ओम बिरला ने राहुल गांधी से नियमों का पालन करने को कहा
असल में राहुल गांधी का दावा उस घटना के बाद सामने आया जिसमें लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उनसे प्रक्रिया के नियमों का पालन करने को कहा, जिनका पालन सदस्यों से सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए अपेक्षित है. यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो पाया कि अध्यक्ष ने यह टिप्पणी क्यों की.
अध्यक्ष ने कहा कि सदस्यों से अपेक्षा की जाती है कि वे सदन के उच्च मानकों और गरिमा को बनाए रखने के लिए अपना आचरण करें. अध्यक्ष ने कहा, “मेरे संज्ञान में कई ऐसे मामले आए हैं, जहां सदस्यों का आचरण उच्च मानकों के अनुरूप नहीं है.”
अध्यक्ष ने कहा, “इस सदन में पिता और पुत्री, माता और पुत्री, पति और पत्नी सदस्य रहे हैं. इस संदर्भ में, मैं विपक्ष के नेता से अपेक्षा करता हूं कि वे नियम 349 के अनुसार आचरण करें, जो सदन में सदस्यों द्वारा पालन किए जाने वाले नियमों से संबंधित है.”
अध्यक्ष ने कहा, “खासकर विपक्ष के नेता से यह अपेक्षा की जाती है कि वह नियमों के अनुसार आचरण करें.”
विपक्षी नेताओं ने की लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात की
इस घटना के बाद लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई, पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल और लोकसभा में पार्टी के सचेतक मणिकम टैगोर समेत कांग्रेस के करीब 70 लोकसभा सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात की और गांधी को सदन में बोलने का मौका न दिए जाने का मुद्दा उठाया.
गौरव गोगोई ने मीडिया से कहा कि, संसदीय परंपरा हमें सिखाती है कि सदन जितना सत्ता पक्ष का है, उतना ही विपक्ष का भी है. जब भी विपक्ष, खासकर नेता विपक्ष सदन में बोलना चाहते हैं, तो किसी न किसी नियम का हवाला देकर उन्हें उनके अधिकार से वंचित कर दिया जाता है. हमारी संसदीय परंपरा में नेता विपक्ष का पद बहुत महत्वपूर्ण होता है. संसद में ऐसा माहौल बना गया है कि जहां BJP के मंत्री, सांसद जैसे ही खड़े होते हैं, उनका माइक चालू हो जाता है और उन्हें अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने की खुली छूट होती है. जब हम कल दिल्ली HC जज के मामले में Adjournment Motion लेकर आए तो उसे नकार दिया गया और संसदीय कार्य मंत्री को झूठे आरोप लगाने का मौका दिया गया। जब नेता विपक्ष उठते हैं, तो उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया जाता. आज भी हमने यह देखा कि जब नेता विपक्ष राहुल गांधी जी अपनी बात रखने के लिए खड़े हुए तो अध्यक्ष जी ने तुरंत सदन को स्थगित कर दिया. इसके विरोध में पार्टी के सांसदों ने अध्यक्ष जी से मुलाकात की है और हमने अपनी आपत्ति जताई है. हम बार-बार यह देख रहे हैं कि संसद में सरकार के द्वारा एक ऐसा माहौल बनाया जा रहा है, जिसमें विपक्ष और संसदीय परंपरा को धूल में मिलाने की कोशिश की जा रही है.
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