आर्थिक आधार पर आरक्षण की मिलना देश के संविधान के हिसाब से सही है या गलत इस पर आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने पूरे भारत में सरकारी नौकरियों और कॉलेजों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण को बरकरार रखने का फैसला जारी रखा है और इसे सही करार दिया है. सुप्रीम सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपने फैसले में कहा कि ईडब्लयूएस आरक्षण की व्यवस्था से संविधान का उल्लंघन नहीं होता है. पांच जजों की पीठ में से चार जजों ने इसे सही बताया है.
जानकारी के लिए बता दें सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ललित, जस्टिस दिनेश महेश्वरी, जस्टिस एस रवींद्र भट्ट, जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने मामले की सुनवाई के बाद फैसला 27 सितंबर को सुरक्षित रख लिया था. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अगुवाई वाली बेंच ने मामले को 5 अगस्त 2020 को संवैधानिक बेंच रेफर किया था. जिसका फैसला आज हुआ है . मामले की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग की गई जिसे देश ने देखा और सुना.