BJP Campaign Committee : बिहार में अभी विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होना बाकी है लेकिन बीजेपी कमर कस कर मैदान में उतर चुकी है. बीजेपी ने आज बिहार में चुनाव अभियान को धार देने के लिए 45 लोगों की एक कमिटी बनाई है. जो पूरे राज्य में प्रचार अभियान और चुनाव से जुड़ी गतिविधियो पर नजर रखेगी. भारतीय जनता पार्टी ने इसे चुनाव अभियान समिति का नाम दिया है. इस 45 सदस्यीय ब्रिगेड में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, बिहार के उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, दिलीप जायसवाल जैसे कई बड़े नेता शामिल हैं.
बिहार बीजेपी ने इस समिति के बारे में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है.इस लिस्ट में विजय कुमार सिन्हा, राधा मोहन सिंह, नित्यानंद राय, मंगल पाण्डेय, गोपाल नारायण सिंह, रविशंकर प्रसाद और अश्विनी कुमार चौबे जैसे बड़े नेताओं के नाम भी शामिल हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव-2025 के निमित्त अभियान समिति की घोषणा की जाती है!#NDA4Bihar pic.twitter.com/Y6I4vVMwnd
— BJP Bihar (@BJP4Bihar) September 28, 2025
धर्मेद्र प्रधान के पास बिहार चुनाव की कमान
हाल ही में बीजेपी ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर नये प्रभारी और सह-प्रभारी के नामों का ऐलान किया है.बिहार में चुनाव की कमान केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र प्रधान को सौंपा गया है वहीं सीआर पाटिल और केशव प्रसाद मौर्य को सह प्रभारी बनाया गया है.
6 अक्टूबर के बाद चुनाव की तारीख का ऐलान !
सूत्रों के हवाले से आ रही जानकारी के मुताबिक केंद्रीय चुनाव आयोग के प्रमुख ज्ञानेश कुमार दशहरे के बाद यानी 2 अक्टूबर के बाद राज्य का दौरा करेंगे . राज्य में व्यवस्था का जायजा लेने के बाद केंद्रीय चुनाव आयोग 6 अक्टूबर के बाद बिहार में चुनाव के लिए तारीखो का ऐलान कर सकता है. चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर कहा गया है कि राज्य में चुनाव आयोग के प्रमुख ज्ञानेश कार के आने से पहले ट्रांसफर-पोस्टिंग की प्रक्रिया पूरी कर ली जाये.
243 विधानसभा सीटों लिए होगा तारीखों का ऐलान
आपको बता दें कि बिहार में 22 नवंबर से पहले नई विधानसभा का गठन होना है. इसलिए राज्य की 243 सीटों वाली विधानसभा के लिए चुनाव प्रक्रिया 22 नवंबर से पहले खत्म करना जरुरी है. बिहार में मुख्य मुकाबला बीजेपी की अगुवाई वाली NDA और विपक्षी पार्टियों के महागठबंधन के बीच है. सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले ही प्रचार के अभियान में उतर चुकी है. इस बार का चुनाव कई मायनों में दोनों गठबंधन के लिए चुनौतिपूर्ण है, क्योंकि एक तरफ जहां सत्ता पक्ष में मौजूद डबल इंजन की सरकार वोटरों को लुभाने के लिए एक से बढ़कर एक स्कीम लागू कर रही है , वहीं महागठबंधन के नेता सरकार आने के बाद एक से बढ़कर एक लोकलुभावन वादे कर रही है. अब देखना ये भी दिलचस्प होगा कि जनता किसकी बात पर भरोसा करती है.