Saturday, July 5, 2025

Bihar elections: AIMIM ने बिहार में गठबंधन के लिए लालू को लिखा पत्र, नाराज़ बीजेपी ने कहा-हम सांप्रदायिक नहीं

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Bihar elections: असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने आगामी विधानसभा चुनावों से पहले बिहार में महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा जताई है, जिसमें वर्तमान में आरजेडी, कांग्रेस और वामपंथी दल शामिल हैं.
एआईएमआईएम के इस कदम पर बीजेपी ने कहा है कि बीजेपी धर्म और जाति के नाम पर राजनीति नहीं करती और ऐसा करने वाली पार्टियां सांप्रदायिक हैं…

हम जाति या धर्म के आधार पर राजनीति नहीं करते- किरेन रिजिजू

AIMIM बिहार के अध्यक्ष अख्तरुल ईमान के आऱजेडी प्रमुख लालू यादव को AIMIM को महागठबंधन में शामिल करने के लिए लिखे पत्र पर केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “हम धर्मनिरपेक्ष हैं. हम जाति या धर्म के आधार पर राजनीति नहीं करते. ऐसी पार्टियां सांप्रदायिक हैं…भारत में मुसलमान भी हिंदुओं की तरह सुरक्षित हैं…”

2 जुलाई को लिखा एआईएमआईएम ने लालू यादव को पत्र

दरअसल एआईएमआईएम के बिहार प्रदेश में एक मात्र विधायक और पार्टी के अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद को पत्र लिखकर औपचारिक रूप से महागठबंधन में शामिल होने का अनुरोध किया है.
2 जुलाई को लिखे गए पत्र में, जिसे सोशल मीडिया पर साझा किया गया, ईमान ने कहा है कि बिहार के इंडिया ब्लॉक के प्रोटोटाइप में एआईएमआईएम को शामिल करने से “धर्मनिरपेक्ष वोटों में विभाजन को रोका जा सकेगा”.
Bihar elections: ओवैसी ने की वाम दलों और कांग्रेस से बात
इमाम ने दावा किया, “इससे यह सुनिश्चित होगा कि राज्य में अगली सरकार महागठबंधन की बने”, उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनावों में भी गठबंधन में शामिल होने की कोशिश की थी, और इस बार उन्होंने (ओवैसी) पहले ही “कांग्रेस और वाम नेताओं से फोन पर अपनी इच्छा व्यक्त कर दी है”.

2020 में एआईएमआईएम ने जीती थी 5 सीटें

2020 के विधानसभा चुनावों में, एआईएमआईएम ने उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की अध्यक्षता वाली अब समाप्त हो चुकी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था, जो अब एनडीए में है.
एआईएमआईएम ने कुल पांच सीटें जीती थीं, सभी सीमांचल क्षेत्र में, जहां मुस्लिम आबादी काफी है, और कहा जाता है कि इसने कई निर्वाचन क्षेत्रों में महागठबंधन के वोटों में सेंध लगाई.
जिसके चलते आरजेडी के नेतृत्व वाला महागठबंधन बहुमत से एक दर्जन सीटों से चूक गया था. हलांकि ईमान को छोड़कर, AIMIM के टिकट पर चुने गए बाकी सभी विधायक 2022 में राजद में शामिल हो गए थे.
आपको बता दें, अगर महागठबंधन एआईएमआईएम का प्रस्ताव नहीं मानता तो सीमांचल में अल्पसंख्यक वोटों के लिए कड़ी टक्कर होगी. किशनगंज में 67 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं, कटिहार में 38 प्रतिशत, अररिया में 32 प्रतिशत और पूर्णिया में 30 प्रतिशत.
आरजेडी के तेजस्वी यादव ने पटना के गांधी मैदान में वक्फ बचाओ-संविधान बचाओ रैली में भाग लिया, जहां उन्होंने घोषणा की कि अगर वे सत्ता में आए तो वे “वक्फ अधिनियम को कूड़ेदान में फेंक देंगे”.

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