दिल्ली:अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा NASA के प्रशासक बिल नेल्सन इसरो ISRO साइंटिस्ट्स से मीटिंग करने के लिए अपनी भारत यात्रा पर आए हैं. इस दौरान उन्होंने बताया कि अमेरिका और भारत अगले साल यानी 2024 के अंत तक क भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन भेजने की योजना पर काम कर रहे हैं.
ISRO साइंटिस्ट ने भारत को दी बधाई
नेल्सन ने बताया कि इसरो आइएसएस जाने के लिए भारतीय अंतरिक्ष यात्री को तैयार करने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दे रहा है. स्पेस में अंतरिक्ष यात्रियों के लिए भारत भविष्य का बहुत बड़ा सहयोगी है.अपनी इस यात्रा के बारे में बात करते हुए नेल्सन ने कहा कि अमेरिका 2024 में निजी लैंडरों को साउथ पोल में उतारने जा रहा है लेकिन भारत ने सबसे पहले यहां पहुंचने में कामयाबी हासिल की.इसलिए भारत को बधाई.
ISRO करेगी अंतरिक्ष यात्री का चयन
नेल्सन ने कहा कि अंतरिक्ष यात्री का चयन इसरो द्वारा किया जाएगा. वहीं उन्होंने कहा कि भारत अगर चाहे तो अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण में नयी दिल्ली के साथ सहयोग करने के लिए वाशिंगटन तैयार होगा. नेल्सन ने कहा, “हमें उम्मीद है कि उस समय तक एक वाणिज्यिक अंतरिक्ष स्टेशन होगा. मुझे लगता है कि भारत 2040 तक एक वाणिज्यिक अंतरिक्ष स्टेशन चाहता है और अगर भारत चाहता है कि हम उसके साथ सहयोग करें तो निश्चित रूप से हम उपलब्ध होंगे, लेकिन यह भारत पर निर्भर है.”
भारत को करेंगे प्रशिक्षित
अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा के प्रमुख बिल नेल्सन ने कहा है कि उनका संगठन अगले साल के अंत तक अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पहुंचने के लिए भारतीय अंतरिक्ष यात्री को प्रशिक्षित करेगा.एक सप्ताह के लिए भारत की यात्रा पर आए नेल्सन ने भारत को स्पेस की बड़ी ताकत बताते हुए कहा कि चंद्रयान-3 एक बहुत बड़ी उपलब्धि है. नेल्सन की यह यात्रा एनआइएसएआर स्पेस क्राफ्ट की तैयारियों के लिहाज से बेहद अहम है.यह भारत और अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसियों का पृथ्वी की निगरानी का साझा उपक्रम है, जिसे अगले साल लांच किया जाना है इस समय यह परीक्षण और एकीकरण के दौर से गुजर रहा है.इसे नाइसार भी कहा जाता है.