Bihar elections: राजनीतिक रणनीतिकार से सामाजिक कार्यकर्ता बने प्रशांत किशोर ने गुरुवार को भविष्यवाणी की कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) आगामी चुनावों में एक भी सीट हासिल करने में विफल रहेगी. उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नेता “शारीरिक रूप से थक चुके हैं और मानसिक रूप से सेवानिवृत्त हो चुके हैं.”
पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरेंगी प्रशांत किशोर की पार्टी
यह टिप्पणी इस साल के अंत में होने वाले बिहार चुनाव से पहले आई है. प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी चुनाव में पहली बार चुनाव लड़ सकती है. समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, किशोर ने जन सुराज पार्टी से चुनाव में महत्वपूर्ण प्रभाव डालने की उम्मीद करते हुए अप्रैल में एक रैली की योजना की भी घोषणा की, जिसमें दावा किया गया कि यह “मतदान के मामले में सभी रिकॉर्ड तोड़ देंगी हैं.”
पटना में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने राजनीतिक गठबंधन बदलने के बावजूद सत्ता बरकरार रखने की नीतीश कुमार की क्षमता की आलोचना करते हुए कहा, “नीतीश कुमार गठबंधन बदलते हुए भी सत्ता की कुर्सी पर बने रहने में कामयाब रहे हैं. इससे वे जेडी(यू) के पास कम सीटें होने पर भी सीएम बने रहने में सक्षम हैं.”
Bihar elections में नीतीश की पार्टी को वोट नहीं करने की अपील की
नीतीश के बार-बार राजनीतिक गठबंधन बदलने की आलोचना करते हुए किशोर ने मतदाताओं से इस चक्र को खत्म करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, “इस चक्र को तोड़ने के लिए और यह सुनिश्चित करने के लिए कि तीर (जदयू का चुनाव चिह्न) कमल (भाजपा) के साथ न तैरे और न ही लालटेन (राजद) के साथ चमके, मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे इस तरह से वोट करें कि जद (यू) एक भी सीट न जीत पाए. तभी हम शारीरिक रूप से थके हुए और मानसिक रूप से सेवानिवृत्त मुख्यमंत्री से छुटकारा पा सकेंगे.”
11 अप्रैल को “बदलो बिहार रैली” पटना में करेंगे प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने दावा किया की लोग एनडीए और आरजेडी के नेतृत्व वाले विपक्ष दोनों से निराश हो चुके हैं, जिसे उन्होंने “जंगल राज” के लिए जिम्मेदार ठहराया, किशोर ने 11 अप्रैल को “बदलो बिहार रैली” आयोजित करने की योजना की घोषणा की.
उन्होंने कहा, “हमने पटना में जिला प्रशासन को पत्र लिखकर 11 अप्रैल को रैली आयोजित करने की अनुमति मांगी है. मैं शर्त लगाता हूं कि भीड़ सारे रिकॉर्ड तोड़ देगी. हालांकि हमें सत्तारूढ़ दल में घबराहट की संभावना भी दिखती है जो अनुमति देने से इनकार करके बाधाएं खड़ी करने की कोशिश कर रही है.”
नीतीश के बेटे निशांत पर बोलने से किया इनकार
मुख्यमंत्री के बेटे निशांत के बारे में पूछे जाने पर, जो इस बात पर जोर दे रहे हैं कि उनके पिता “100 प्रतिशत” फिट हैं और एक और कार्यकाल के हकदार हैं, किशोर ने उनके राजनीतिक प्रवेश के बारे में अटकलों को खारिज कर दिया.
इसके बजाय उन्होंने नीतीश कुमार की मानसिक तीक्ष्णता को चुनौती देते हुए कहा, “मैं निशांत के बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहता क्योंकि वह सार्वजनिक जीवन में नहीं हैं. लेकिन मैं उनके पिता को चुनौती देता हूं कि वे बिना कागज देखे राज्य मंत्रिमंडल में मंत्रियों के नाम बताएं. अगर नीतीश कुमार इस तरह अपनी मानसिक मजबूती का प्रदर्शन करते हैं, तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा और उनके लिए काम करना शुरू कर दूंगा.”
“नीतीश कुमार मानसिक और शारीरिक रूप से थक चुके हैं”-प्रशांत किशोर
उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार मानसिक और शारीरिक रूप से थक चुके हैं और अब बिहार का नेतृत्व करने में सक्षम नहीं हैं. अब केवल आठ से दस महीने बचे हैं – तब तक उन्हें अपना समय आनंद लेने दें.”
किशोर ने बिहार में बिगड़ती कानून व्यवस्था की भी आलोचना की और इसके लिए नीतीश कुमार की कथित मानसिक अस्थिरता को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने जोर देकर कहा, “जब सीएम खुद मानसिक रूप से स्थिर नहीं हैं, तो कानून व्यवस्था का बिगड़ना स्वाभाविक है.”