Bihar election: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव को शनिवार को खगड़िया में एक सार्वजनिक बैठक आयोजित करने की अनुमति नहीं दी गई. अधिकारियों ने बिहार में विपक्षी महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के चेहरे को ये कहकर बैठक करने से रोका कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की चुनावी रैली उनके कार्यक्रम स्थल के करीब होने के कारण सुरक्षा कारणों से ऐसा करने की अनुमति नहीं दी जा सकती.
Bihar election: तेजस्वी ने प्रशासन के फैसले को बताया “तानाशाही”
तेजस्वी यादव जिन्हें तीन विधानसभा क्षेत्रों – परबत्ता, अलौली और खगड़िया में जनसभाओं को संबोधित करना था ने प्रशासन के फैसले को “तानाशाही” करार दिया. उन्होंने कहा, “हमारी चुनावी सभाओं में उमड़ी भीड़ भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) को डरा रही है, लेकिन लोग इस बार उनके बहकावे और दबाव में नहीं आने वाले हैं.”
तेजस्वी यादव की जनसभा की इजाज़त न मिलने से विपक्षी गठबंधन को सत्तारूढ़ एनडीए सरकार की कथित तानाशाही का मुद्दा उठाने का मौका मिल गया है. स्थानीय राजद नेताओं ने कहा, “जनता सब कुछ देख रही है और चुनाव में न्याय करेगी.”
सुरक्षा कारणों से नहीं दी इजाज़त, राजनीति से लेना-देना नहीं-अधिकारी
एचटी की खबर के मुताबिक एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त रख फ़ोन पर बताया, “उन्हें जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल क्रिकेट (जेएनकेटी) मैदान के पास स्थित संसारपुर मैदान में चुनावी सभा करने की अनुमति नहीं दी गई, जहाँ अमित शाह की रैली प्रस्तावित थी.”
उन्होंने कहा कि “पूर्ण सुरक्षा” कारणों से अनुमति नहीं दी गई और इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि परबत्ता और अलौली में यादव की अन्य रैलियाँ सामान्य रूप से जारी रहेंगी.
प्रधानमंत्री को बिहार में क़ानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार पर भी जवाब देने चाहिए-तेजस्वी
विपक्ष का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित होने के एक दिन बाद, शुक्रवार को चुनाव प्रचार शुरू करने वाले तेजस्वी यादव ने सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा), दरभंगा, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर और वैशाली में पाँच जनसभाएँ कीं और अपने इंडिया ब्लॉक उम्मीदवारों के समर्थन में वोट माँगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “जंगल राज” वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, “प्रधानमंत्री कहते हैं कि बिहार में अब जंगल राज नहीं रहेगा, फिर भी बिहार में दिनदहाड़े हत्याएँ और गोलीबारी हो रही है, और राज्य में 55 से ज़्यादा घोटाले हुए हैं, जिनका ज़िक्र ख़ुद प्रधानमंत्री ने मंच से किया.” उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री को बिहार में क़ानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार पर भी सवालों के जवाब देने चाहिए.”
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