Friday, November 21, 2025

Bihar Election: थम गया पहले चरण का प्रचार, नीतीश की महिला वोटरों को लुभाने आरजेडी ने किया 30,000 रुपये देने का एलान

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Bihar Election: मंगलवार को बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए प्रचार थम गया. अब 6 नवंबर यानी गुरुवार के दिन प्रदेश की 121 सीटों पर मतदान होगा. पहले चरण के चुनाव में लालू यादव के दोनों बेटे राजद नेता तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव के साथ ही बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा की सीटों पर भी मतदान होगा.

Bihar Election: पहले चरण के प्रमुख विधानसभा और प्रत्याशी

बात अगर पहले चरण में मतदान करने वाली प्रमुख विधानसभा सीटों की करें तो इसमें तारापुर से उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी (भाजपा) और राजद के अरुण कुमार के बीच बोने वाले कड़े मुकाबले में सबकि दिलचस्पी है. इसके साथ ही राजद के पारंपरिक गढ़ और महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरा तेजस्वी यादव की सीट राघोपुर पर भी सबकी नज़र है. यहां से तेजस्वी यादव के मुकाबला बीजेपी के सतीश कुमार यादव मैदान में हैं. खास बात ये है कि इस बार तेजस्वी के बड़े भाई तेजप्रताप यादव खुद उनके खिलाफ प्रचार करने यहां पहुंचे थे.

इसके अलावा लालू यादव के बड़े बेटे जिन्हें पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है उनकी सीट महुआ विधानसभा पर भी सबकी निगाहें है. यहां मुकाबला अपनी पार्टी बनाने वाले जनशक्ति जनता दल के तेज प्रताप यादव और मुकेश कुमार रौशन के बीच माना जा रहा है. खास बात ये रही कि महुआ में भाई के खिलाफ प्रचार करने तेजस्वी के रैली करने से परिवार की लड़ाई और तेज हो गई है. वहीं, स्टार पावर के चलते अलीनगर और छपरा सीट पर भी सबकी नजरें रहने वाली है. अलीनगर से जहा बीजेपी ने सिंगर मैथिली ठाकुर को मैदान में उतारा है तो छपरा से भोजपुरी सूपर स्टार खेसारी लाल यादव चुनावी मैदान में हैं.

बिहार में महिला मतदाता है सबसे महत्वपूर्ण

पहले चरण के प्रचार के आखरी दिन बिहार में महिला मतदाताओं को साधने की होड़ तेज हो गई है. आरजेडी ने केंद्र नकद हस्तांतरण योजना को लेकर आपत्ति जताई है, जिसमें सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने हाल ही में महिलाओं को ₹10,000 की वित्तीय सहायता दी है. इसके जवाब में तेजस्वी यादव ने आज “माई बहन मान योजना” के तहत महिलाओं के खातों में सालाना ₹30,000 जमा कराने का वादा किया है.

महागठबंधन का ₹30,000 सालाना का वादा

तेजस्वी यादव ने घोषणा की कि अगर राजद-कांग्रेस गठबंधन सरकार बनाता है, तो वे “माई बहन मान योजना” के तहत महिलाओं के खातों में सालाना ₹30,000 जमा करेंगे. उन्होंने कहा कि यह राशि मकर संक्रांति के अवसर पर 14 जनवरी को जमा करने की योजना है और इसका उद्देश्य “महंगाई” के समय में राहत प्रदान करना है. यादव ने बताया कि पाँच वर्षों में, इस योजना के तहत लाभार्थियों को ₹1.5 लाख दिए जाएँगे.
वहीं राजद सांसद मनोज झा ने चुनाव आयोग (ईसी) को पत्र लिखकर राज्य सरकार पर 17, 24 और 31 अक्टूबर, 2025 को लाभार्थियों को धनराशि हस्तांतरित करने का आरोप लगाया, जबकि चुनाव कार्यक्रम की घोषणा हो चुकी थी और आदर्श आचार संहिता 6 अक्टूबर को लागू हो गई थी.
उन्होंने यह भी बताया कि अगला वितरण 7 नवंबर को, पहले चरण के मतदान के ठीक बाद और 11 नवंबर को होने वाले दूसरे व अंतिम चरण से चार दिन पहले निर्धारित है. आरजेडी के साथ ही जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने भी इस तरह के नकद दान को “रिश्वत” करार देते हुए तर्क दिया है, “पाँच साल तक, आपने भ्रष्टाचार के ज़रिए लोगों से पैसे ऐंठे… और चुनाव से ठीक पहले, आप लोगों के पैसों से ₹10,000 की पेशकश कर रहे हैं.”

बिहार में महिला वोटर क्यों है महत्वपूर्ण

दरअसल आकड़े बताते है कि 2010 के विधानसभा चुनावों के बाद से महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों की तुलना में अधिक रहा है. उदाहरण के लिए, 2020 में, महिलाओं का मतदान प्रतिशत 59.7% था, जबकि पुरुषों का 54.7% था.
इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विभिन्न कल्याणकारी और सशक्तिकरण योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को सफलतापूर्वक अपना एक वफादार वोटर के तौर पर तैयार किया है. नीतीश की स्थानीय निकायों में 50% आरक्षण (2006 से) और स्कूली छात्राओं के लिए मुफ्त साइकिल योजना महिलाओं के लुभाने में काफी बड़ा योगदान दे रही है.
2020 के कांटे के मुकाबले वाले चुनाव के आंकड़े – जब एनडीए और महागठबंधन के बीच कुछ हज़ार वोटों का अंतर था – बताते हैं कि 40% युवा महिलाओं (18-29 आयु वर्ग) ने एनडीए को वोट दिया, जिसने उनकी मामूली जीत में महत्वपूर्ण योगदान दिया.

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