Tuesday, June 17, 2025

बैंगलुरु विक्ट्री परेड हादसा मामले में सरकार का कोर्ट में बड़ा बयान..बताया क्राउड मैंनेजमेंट की जिम्मेदारी किसकी थी…

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Bengaluru Stadium Stampede :  बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में  IPL में RCB की जीत के बाद विक्ट्री परेड से पहले मची भगदड़ मामले में कर्नाटक सरकार ने बड़ा बयान दिया है.मामले में हाईकोर्ट में आज  सुनवाई हुई जिसमें कर्नाटक सरकार ने इस हादसे के लिए पूरी तरह से BCCI  और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) को ज‍िम्मेदार ठहराया.

Bengaluru Stadium Stampede में 11 लोगों हुई थी मौत

कर्नाटक सरकार ने कोर्ट को बताया कि फ्रेंचाइजी (RCB) ने इवेंट से पहले इसके लिए कोई अनुमति नहीं ली थी और बिना किसी तैयारी के आयोजकों ने सोशल मीडिया के जर‍िए ‘पूरी दुनिया को बुला लिया’.

 हाईकोर्ट में भगदड़ के खिलाफ दाखिल याचिका पर हुई सुनवाई 

स्टेडिम के बाहर हुई भगदड़ के बाद गिरफ्तार आरसीबी (RCB) के मार्केटिंग हेड निखिल सोसाले समेत तीन लोगों ने अपनी गिऱफ्तारी को चुनौती देते हुए याचिका दायर की है. मामले की सुनवाई जज एस.आर.कृष्ण कुमार की सिंगल बेंच मे हो रही है.

कर्नाटक सरकार की दलील

कर्नाटक सरकार की तरफ से बहस कर रहे वकील एडवोकेट जनरल शशि किरण शेट्टी ने कहा कि रॉयल चैलेंजर्स बैंगलुरु (RCB) ने 29 मई को पंजाब के खिलाफ मैच जीता था और वो जानते थे कि फाइनल में पहुंच चुके हैं लेकिन फ्रेंचायजी ने ना तो जीत का जश्न मनाने के लिए विक्ट्री परेड की अनुमति ली और ना ही स्टेडियम में सेलिब्रेशन के लिए परम‍िशन मांगी.

एडवोकेट जनरल  शेट्टी ने कोर्ट को बताया कि आरसीबी ने  3 जून को मैच शुरू होने से केवल एक घंटे पहले प्रशासन को एक चिट्ठी भेजी, जिसमें लिखा था कि वो लोग व‍िक्ट्री परेड आयोजित करेंग. आयोजकों ने प्रशासन से किसी तरह की इजाजत नहीं मांगी  बल्कि केवल अपना प्लान बताया. वहीं RCB ने मैच जीतने वाली रात यानी 3 जून को रात 11:30 बजे से लेकर 4 जून की सुबह तक सोशल मीडिया पर लगातार पोस्ट किये जिसमें फैन्स को व‍िक्ट्री परेड और जश्न में शामिल होने के लिए बुलाया गया था.

स्टेड‍ियम के बाहर पहुंचे थे 4 लाख लोग

सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि जिस तरह से भीड़ चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर जमा हुई थी, ऐसा लग रहा था जैसे पूरी दुनिया को ही बुला लिया गया हो. चिन्नास्वामी स्टेडियम की क्षमता केवल 33 हजार लोगों की है लेकिन घटना के समय वहां साढे तीन लाख से लेकर 4 लाख लोग तक पहुंच गये गए थे. आयोजकों ने अपने किसी मैसेज मे या किसी भी तरह से ये नहीं बताया कि था कि स्टेडियम के अंदर किसे नहीं आने दिया जायेगा. आरसीबी के सोशल मीडिया पोस्ट में केवल इतना लिखा गया था कि फैन्स आएं और अपनी टीम के लिए चीयर करें.

सरकार ने बताया क्राउड मैनेजमेंट की जिम्मेदारी किसकी थी

कर्नाटक सरकर ने अपनी दलील में कोर्ट को बताया कि रायल चैलेंजर्स बैंगलोर(RCB) और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) क बीच गेट मैनेजमेंट, टिकटिंग और सुरक्षा को लेकर समझौता हुआ था, जिसमें भीड़ को संभालने की पूरी ज‍िम्मेदारी फ्रेंचाइजी (RBC) और BCCI की थी. हालांकि घटना के बाद ये बात सामने आई थी कि यहां बेहतर इवेंट कोर्डिनेशन के लिए DNA एंटरटेनमेंट कंपनी और KSCA के साथ मिलाकर 3 पक्षों का समझौता हुआ था, कर्नाटक सरकार ने इसे गलत बताया गया और सुधार किया गया.

RCB ने मामले में सच्चाई छ‍िपाई – कर्नाटक सरकार

सरकार ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि रायल चैलेंजर्स बैंगलोर( RCB) ने सच्चाई छुपाने की कोशिश की और इसे एक सरकारी कार्यक्रम की तरह पेश कर दिया, जबकि ये पूरी तरह से फ्रेंचायजी का निजी आयोजन था. RCB ने अपने पोस्ट में फ्री पास की बात भी कही थी लेकिन ये साफ नहीं किया था कि कौन अंदर जायेगा और कौन नहीं. सरकारी वकील ने आरसीबी पर गलत जानकारी देने और कोर्ट को गुमराह करने का भी आरोप लगाया.

हादसे की जांच करेगी सीआईडी – कर्नाटक सरकार  

एडवोकेट जनरल शशि किरण शेट्टी ने कोर्ट को बताया कि इस मामले की जांच अब क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CID) करेगी. सरकार ने हादसे के बाद कई पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है.और नई नियुक्तियां की गईं हैं. इसमें बैंगलुरु का नया पुलिस कमिश्नर भी शामिल है.

भागने की फिराक में थे RCB के मार्केटिंग हेड

सरकार के वकील शशि किरण ने ये भी आरोप लगाया कि RCB के मार्केटिंग हेड निखिल सोसाले रातों रात भागने की फिराक में थे, रात 10:56 बजे का फ्लाइट का टिकट बुक कर लिया गया था.

फ्रेंचायाजी आरसीबी की दलील

कर्नाटक सरकार के आरोपों के बाद रॉयल चैलेंजर्स के वकील अपनी दलील मे कहा कि कंपनी के किसी कर्मचारी को केवल इसलिए आरोपी नहीं बनाया जा सकता है क्योंकि वो कंपनी आरोपी है. किसी कर्मचारी को तब तक दोषी नहीं ठहराया जा सकता जब कि उसकी सीधी जिम्मेदारी नहीं बनती हो.

दोनो पक्षो की दलील सुनने के बाद कोर्ट की टिप्पणी

जस्टिस एस.आर. कृष्ण कुमार ने कर्नाटक सरकार के वकील एडवोकेट जनरल शशि किरण को भरोसा दिलाया कि कोर्ट किसी एक के बयान पर भरोसा नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि यहां कोई भी व्यक्ति गलत तरीके से कोट किया जा सकता है, मैं सिर्फ एक बयान के आधार पर जमानत नहीं दूंगा.

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