शुक्रवार को वाराणसी जिला न्यायाधीश की अदालत में एक बार फिर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने ज्ञानवापी मस्जिद के वैज्ञानिक सर्वेक्षण पर अपनी रिपोर्ट जमा करने के लिए 15 दिन का और समय मांगा है. कोर्ट में आवेदन दायर कर एएसआई ने ये मांग की जिसपर आज यानी 18 नवंबर (शनिवार) की सुनवाई होगी.
शुक्रवार को कोर्ट में क्या हुआ
शुक्रवार को एएसआई ने कोर्ट में आवेदन दाखिल कर कहा कि,“…सर्वेक्षण की रिपोर्ट लगभग पूरी होने वाली है. केवल जीपीआर द्वारा आयोजित (सर्वेक्षण की) रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया चल रही है. सर्वेक्षण पूरा होने और रिपोर्ट जमा करने में कुछ और समय लगेगा ”
एएसआई की ओर से पेश हुए स्थायी सरकारी वकील अमित श्रीवास्तव ने कहा, “हमने आवेदन दायर किया, जिसमें अदालत से रिपोर्ट पूरी करने और जमा करने के लिए 15 दिन का और समय देने का आग्रह किया गया.” श्रीवास्तव ने बताया कि, अदालत इसपर सुनवाई की तारीख 18 नवंबर तय की है.
वहीं, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी जो ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करती है, के वकील अखलाक अहमद ने कहा कि आवेदन की एक प्रति हमें प्राप्त हुई है, वे इसका अध्ययन करेंगे और आगे क्या कार्रवाई करना है तय करेंगे.
2 नवंबर को भी दी थी ASI को 15 दिन की मोहलत
आपको बता दें, इससे पहले भी कोर्ट ASI को 15 दिन की मोहलत दे चुका है. 2 नवंबर को कोर्ट ने ASI को 15 दिन की मोहलत देते हुए 17 नवंबर तक अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था.
सिर्फ ये 15 दिन नहीं ASI को कोर्ट पहले दो बार 4 हफ्तों का समय भी दे चुका है. 5 अक्टूबर को ASI की अर्जी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सर्वे का काम पूरा करने और रिपोर्ट सौंपने के लिए चार हफ्ते का अतिरिक्त वक्त ASI को दिया था. इससे पहले 5 अगस्त को, को भी ASI ने वाराणसी जिला न्यायाधीश से 4 हफ्तों का समय मांगा था जिसपर जो उसे मिल गया था.
असल में तब ज्ञानवापी मस्जिद के वैज्ञानिक सर्वेक्षण इलाहाबाद उच्च न्यायालय के रोक लगाने की वजह से काम रुक गया था जो 3 अगस्त को रोक हटा दिए जाने के बाद 4 अगस्त को कड़ी सुरक्षा के बीच फिर से शुरू हुआ था.
आपको याद दिला दें, वाराणसी कोर्ट ने शुरुआत में 21 जुलाई को सर्वेक्षण का आदेश दिया था और 4 अगस्त तक रिपोर्ट सौंपने को कहा था.
कब-कब किया एएसआई ने सर्वेक्षण
वाराणसी कोर्ट के आदेश के पालन करते हुए एएसआई ने 24 जुलाई को साढ़े चार घंटे से अधिक समय तक सर्वेक्षण किया था. लेकिन उसी दिन यानी 24 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने 26 जुलाई को शाम 5 बजे तक सर्वेक्षण रोकने का आदेश दिया था. और इस बीच अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को कहा था.
जिसका पालन करते हुए मस्जिद समिति ने 25 जुलाई को उच्च न्यायालय का रुख किया, जहां उसे सर्वेक्षण पर 3 अगस्त तक रोक का आदेश मिल गया. लेकिन 3 अगस्त को उच्च न्यायालय ने रोक हटा दी जिसके बाद एक बार फिर एआईएमसी ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 4 अगस्त को सर्वेक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.