Arvind Kejriwal Health : दिल्ली के तिहाड़ जल मे बंद सीएम अरविंद केजरीवाल की मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद आम आदमी पार्टी का कहना है कि सीएम अरविंद केजरीवाल का वजन दिन व दिन कम हो रहा है. उनका शुगर लेवल बार बार गिर रहा है. ऐसे में उनके साथ कभी भी मेडिकल इमरजेंसी हो सकती है.शुगर लेवल कम होने की वजह से वो नींद में ही कोमा में जा सकते हैं. शुगर लेवल के कारण ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ गया है. तिहाड़ जेल से आई रिपोर्ट के मुताबिक अरविंद केजरीवाल का वजह घटा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और BJP ने @ArvindKejriwal जी की ज़िंदगी से खिलवाड़ करने का षड्यंत्र रचा है। जेल में अरविंद केजरीवाल के साथ कुछ भी अनहोनी हो सकती है।
AIIMS के डॉक्टर के द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि केजरीवाल जी का वजन घटा है और उनका Sugar level कई बार 50… pic.twitter.com/SLBLdPfeKa
— AAP (@AamAadmiParty) July 15, 2024
दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेता लगातार आवाज उठा रहे है कि जेल में अरविंद केजरीवाल का तबियत खराब है और उनका वजन लगातार गिर रहा है. आम आदमी पार्टी के नेताओं का आरोप था कि अरविंद केजरीवाल का वजन साढ़े 8 किलो तक घट गया है. आम आदमी पार्टी के लगातार आरोप के बाद अब तिहाड़ जेल प्रशासन ने दिल्ली सरकराके गृह विभाग को पत्र लिखकर सीएम अरविंद केजरीवाल के स्वास्थ के बारे में जानकारी दी है.
तिहाड़ जेल प्रशासन के सुप्रिटेंडेट ने दिल्ली गृह विभाग को जानकारी दी है कि 1 अप्रैल 2024 को जब अरविंद केजरीवाल तिहाडड़ जेल आये थे , जब उकका वजन 65 किलो ग्राम तथा.10 मई को जब वो तिहाड जेल से निकले तो उनका वजन 64 किलोग्राम था. 2 जून को जब केजरीवाल ने दोबारा सरेंडर किया तब उनका वजन 63.5 किलो था. फिलहाल (14 जुलाई ) अरविंद केजरीवाल का वजन 61.5 किलो है.
जेल प्रशासन ने अपनी रिपोर्ट में भी लिखा है कि कम खाना काने या कम कैलोरी इंटेक के कारण भी वजन मे कमी हो सकती है. अरविंद केजरीवाल के स्वास्थ्य की देख रेख वरिष्ठ मेडिकल ऑफिसर्स की निगरानी में होता है. जेल प्रशासन कें मुताबिक जब मेडिकल बोर्ड से साथ उनके स्वास्थ को लेकर परामर्श होता है तो उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल भी वहां मौजूद रहती है.
तिहाड़ प्रशासन ने दिल्ली के गृहविभाग को लिखे पत्र में ये कहा है कि दिल्ली सरकार के कुछ मंत्री ऐऔर विधायकों की तरफ से सोशल मीडिया मे पोस्ट डाल कर भ्रामत जानकारियां फैलाई जा रही है, निराधार आरोप लगाये जा रहे हैं.जेल प्रशासन को डराने के लिए झूठी जानकारी जानता के बीच फैलाकर कर उन्हें भ्रमित करने की कोशिस की जा रही है.