सोमवार को प्रकाशित वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय अरबपति गौतम अडानी Gautam Adani ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों के संभावित उल्लंघन के लिए अमेरिकी न्याय विभाग (डीओजे) की नई जांच के दायरे में हैं.
अडानी समूह की कंपनी पर ईरान से जुड़े व्यापारिक लेन-देन में शामिल होने का शक
हिंदुस्तान टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक, अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा की जा रही जांच इस बात पर केंद्रित है कि क्या अडानी समूह की किसी कंपनी ने ईरान से जुड़े व्यापारिक लेन-देन में शामिल होकर प्रतिबंध कानूनों का उल्लंघन किया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि WSJ की जांच में पाया गया कि पश्चिमी भारतीय राज्य गुजरात के मुंद्रा और फारस की खाड़ी के बीच यात्रा करने वाले टैंकरों में ऐसे लक्षण पाए गए, जो विशेषज्ञों के अनुसार प्रतिबंधों से बचने वाले जहाजों में आम होते हैं.
Gautam Adani ग्रुप ने जांच के बारे में जानकारी होने से किया इनकार
कंपनी के प्रवक्ता ने WSJ को दिए गए बयान में कहा, “अडानी ने प्रतिबंधों से बचने या ईरानी मूल के LPG से जुड़े व्यापार में किसी भी तरह की जानबूझकर संलिप्तता से साफ इनकार किया है.”
“इसके अलावा, हमें इस विषय पर अमेरिकी अधिकारियों द्वारा की गई किसी भी जांच के बारे में जानकारी नहीं है.”
पहले अडानी समूह पर भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने के मामले में हो रही है जांच
अमेरिका में पिछले साल, ब्रुकलिन में संघीय अभियोजकों ने गौतम अडानी पर भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देकर उन्हें अपने अडानी समूह की सहायक कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी द्वारा उत्पादित बिजली खरीदने के लिए मनाने का आरोप लगाते हुए एक अभियोग पत्र दायर किया.
यह भी आरोप लगाया गया कि अडानी ने कंपनी की भ्रष्टाचार विरोधी प्रथाओं के बारे में आश्वस्त करने वाली जानकारी देकर अमेरिकी निवेशकों को गुमराह किया.
अडानी समूह ने आरोपों को “निराधार” बताया है और “सभी संभावित कानूनी उपाय” करने की बात कही.
जनवरी में, अडानी ग्रीन ने कहा कि उसने अमेरिकी अभियोग की समीक्षा के लिए स्वतंत्र कानूनी फर्मों को नियुक्त किया है.
ये भी पढ़ें-जयपुर टाउन हॉल विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने राजघराने से कहा, “फिर तो पूरा जयपुर आपका हो जाएगा”