गुरुवार को दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय में एक अहम बैठक हो रही है. राजस्थान में होने वाले चुनाव की तैयारियों पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सचिन पायलट, केसी वेणूगोपाल सहित अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थित हैं.
खबर ये भी है कि इस बैठक के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.
दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में आगामी राजस्थान चुनाव को लेकर महत्वपूर्ण बैठक जारी है। pic.twitter.com/Fn0BpglChS
— Congress (@INCIndia) July 6, 2023
अशोक गहलोत और सचिन पायलट विवाद सुलझने के है आसार
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में चुनावी तैयारियों के अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रहे विवाद पर भी चर्चा होने की संभावना है. कई नेताओं का मानना है कि यह मुद्दा राज्य में पार्टी की लोकसभा जीत की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा रहा है.
इसलिए एआईसीसी की बैठक में अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राजस्थान राज्य प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और सचिन पायलट सहित राज्य के दो दर्जन से अधिक प्रमुख नेताओं को शामिल किया गया है.
अशोक गहलोत, जिन्हें हाल ही में पैर में चोट लगने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था, उनके वर्चुअली इसमें शामिल होने की बात भी सामने आ रही है.
सचिन पायलट की क्या है मांग
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस सचिन पायलट को पार्टी की राजस्थान इकाई के प्रमुख या अभियान समिति के प्रमुख की भूमिका में सौंप कर सकती है. इसके साथ ही चर्चा ये भी है कि, उन्हें कांग्रेस की कार्य समिति का सदस्य बनने के लिए दिल्ली भी बुलाया जा सकता है.
हालांकि, पायलट के करीबी सूत्रों ने मीडिया को बताया कि वह पार्टी की राज्य इकाई का प्रमुख बनने के इच्छुक हैं. उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी हुईं तो वह दिल्ली जाने पर विचार कर सकते हैं.
पायलट ने पिछली वसुंधरा राजे सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार के कथित मामलों की जांच के लिए एक समिति के गठन की मांग की है और टिकट वितरण में गहलोत के साथ बराबर की हिस्सेदारी की मांग की है.
कांग्रेस के लिए क्यों ज़रुरी है राजस्थान
कांग्रेस का मानना है कि राजस्थान में बीजेपी बेहद बटी हुई है, जो पार्टी के लिए राज्य को चुनावों में बरकरार रखने और हर पांच साल में एक सरकार बदलने के रिवाज को तोड़ने का एक मौका है.
पार्टी आलाकमान चुनाव से पहले एकजुट रहने की योजना बनाकर अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच दूरियों को पाटने की कोशिश कर रहा है. 2018 में राज्य जीतने के बावजूद, कांग्रेस को 2019 के लोकसभा चुनावों में राज्य में कोई सीट नहीं मिली. पार्टी अब संयुक्त मोर्चे के साथ राज्य में अपनी लोकसभा सीटें बढ़ाने पर विचार कर रही है.
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