शनिवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि संसद द्वारा पारित वक्फ विधेयक Waqf Bill “मुसलमानों पर हमला करता है” और “भविष्य में अन्य समुदायों को निशाना बनाने के लिए एक मिसाल कायम करता है”.
कैथोलिक चर्च की भूमि पर आरएसएस की नज़र-राहुल गांधी
सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट में गांधी ने एक लेख साझा किया, जिसमें दावा किया गया है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अब वक्फ विधेयक पारित होने के बाद कैथोलिक चर्च की भूमि पर ध्यान केंद्रित कर लिया है.
कांग्रेस नेता ने लेख का हवाला देते हुए लिखा, ” मैंने कहा था कि वक्फ विधेयक अभी मुसलमानों पर हमला करता है, लेकिन भविष्य में अन्य समुदायों को निशाना बनाने के लिए एक मिसाल कायम करता है. आरएसएस को ईसाइयों की ओर ध्यान देने में ज़्यादा समय नहीं लगा.
संविधान ही एकमात्र ढाल है जो हमारे लोगों को ऐसे हमलों से बचाता है – और इसकी रक्षा करना हमारा सामूहिक कर्तव्य है.”
I had said that the Waqf Bill attacks Muslims now but sets a precedent to target other communities in the future.
It didn’t take long for the RSS to turn its attention to Christians.
The Constitution is the only shield that protects our people from such attacks – and it is… pic.twitter.com/VMLQ22nH6t
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 5, 2025
जिस दिन लोकसभा ने विधेयक पारित किया, उस दिन गांधी ने कहा था, “आरएसएस, भाजपा और उनके सहयोगियों द्वारा संविधान पर यह हमला आज मुसलमानों पर लक्षित है, लेकिन भविष्य में अन्य समुदायों को निशाना बनाने के लिए एक मिसाल कायम करता है.”
के सी वेणुगोपाल ने भी साझा किया इसी तरह का लेख
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने भी एक अन्य लेख साझा किया, जिसमें कैथोलिक चर्च द्वारा भूमि स्वामित्व के मामले में वक्फ बोर्ड को पीछे छोड़ने की ओर इशारा किया गया था और कहा था, “जैसा कि अनुमान लगाया गया था, पहले एक अल्पसंख्यक को निशाना बनाया गया, अब दूसरे पर.”
कांग्रेस सांसद ने Waqf Bill को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी
शुक्रवार को कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 की वैधता को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और दावा किया कि यह संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करता है.
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, याचिका में आरोप लगाया गया है कि विधेयक वक्फ संपत्तियों और उनके प्रबंधन पर “मनमाने प्रतिबंध” लगाता है, जिससे मुस्लिम समुदाय की धार्मिक स्वायत्तता कमज़ोर होती है.
अधिवक्ता अनस तनवीर के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि विधेयक मुस्लिम समुदाय के साथ भेदभाव करता है, क्योंकि इसमें “ऐसे प्रतिबंध लगाए गए हैं जो अन्य धार्मिक बंदोबस्तों के प्रशासन में मौजूद नहीं हैं”.
विधेयक को राज्यसभा में 128 सदस्यों ने पक्ष में और 95 ने विरोध में वोट दिया. इसे 3 अप्रैल की सुबह लोकसभा में पारित किया गया, जिसमें 288 सदस्यों ने इसका समर्थन किया और 232 ने इसका विरोध किया.
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