Sheikh Hasina death sentenced : बंग्लादेश की कार्यकारी मोहम्मद यूनुस सरकार ने भारत सरकार को पत्र लिखा है,जिसमें उनके देश की अदालत के द्वारा मौत की सजा पाये पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को वापस बंग्देलादेश भेजने की मांग की गई है.
Sheikh Hasina death sentenced:मानवता के दुश्मन को वापस करे भारत
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि मानवता के खिलाफ अपराध के मामले में मौत की सजा पाए उनके फरार दोषी शेख हसीना और असदुज्जमां खान को अपने देश में पनाह देना न्याय का अपमान और अत्यंत शत्रुतापूर्ण कार्य होगा.
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने आज ICT के द्वारा सजा सुनाये जाने के बाद भारत सरकार से उनके देश से निर्वासित पूर्व पीएम शेख हसीना और पूर्व होम मिनिस्टर असदुज्जमां खान कमाल को तुरंत वापस बंग्लादेश को सौंपने की मांग की है.बंग्लादेश के गृहमंत्रालय ने एक पत्र लिखा है कि, “अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने दोनों को ( पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और पूर्व गृहमंत्री असदुज्जमां खान कमाल ) को 2025 के जुलाई नरसंहार के लिए दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई है. इन फरार लोगों को अगर कोई देश अपने देश में पनाह देता है, तो ये बेहद शत्रुतापूर्ण काम होगा और न्याय के नियमों का उल्लंघन माना जाएगा.”
बंग्लादेश ने 2013 की प्रत्यर्पण संधि का दिया हवाला
बांग्लादेश की मौजूदा अंतरिम सरकार ने भारत सरकार को 2013 की प्रत्यर्पण संधि का हवाला देते हुए कहा कि है कि ‘दोनों देशों के बीच मौजूदा प्रत्यर्पण संधि के तहत इन दोषियों को बांग्लादेश को सौंपना भारत का अनिवार्य कर्तव्य है. हम भारत सरकार से इन दोनों को तुरंत बांग्लादेशी अधिकारियों के हवाले करने की अपील करते हैं.’
आपको बता दें कि पिछले साल बंग्लादेश में अराजकता और छात्र विद्रोह के बाद देश से निर्वासित की गई प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत सरकार ने 5 अगस्त 2024 से अपने देश में शरण दिया हुआ है. शेख हसीना भारत सरकार की शरण में नई दिल्ली में पनाह लिये हुए हैं.
भारत सरकार ने जारी किया बयान
शेख हसीना को फांसी की सजा दिये जाने की खबर पर भारत सरकार ने भी अपना बयान जारी किया है. भारत सरकार के विदेश विभाग के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने आधिकारी बयान जारी करते हुए लिखा है – “भारत ने ‘इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल ऑफ बांग्लादेश’ द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के संबंध में घोषित फैसले का संज्ञान लिया है.
एक निकट पड़ोसी के रूप में, भारत बांग्लादेश के लोगों के सर्वोत्तम हितों के प्रति प्रतिबद्ध रहता है, जिसमें शांति, लोकतंत्र, समावेशिता और उस देश में स्थिरता शामिल है. हम इस उद्देश्य के लिए सभी हितधारकों के साथ हमेशा रचनात्मक रूप से संलग्न रहेंगे.” हलांकि भारत सरकार ने बंग्लादेश सरकार की चिट्ठी पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
Our statement regarding the recent verdict in Bangladesh⬇️
🔗 https://t.co/jAgre4dNMn pic.twitter.com/xSnshW6AzZ— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) November 17, 2025

