Friday, November 22, 2024

“आंदोलनजीवी” के बाद “रेवड़ी कल्चर” शब्द पर मची रार, केजरीवाल के सवालों के जवाब में बीजेपी ने दिया उन्हें झूठा करार

रेवड़ी और मुफ्त देश की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से ये शब्द चर्चा का विषय है. सरकारी योजनाएं को मुफ्त या रेवड़ी कल्चर का हिस्सा बता पीएम मोदी ने इस कल्चर को देश के युवाओं के वर्तमान को खत्म करके वाला और भविष्य को अंधेरे में धकेल वाला बताया था. जिसके बाद संसद में भी इसको लेकर हंगामा हुआ था. लेकिन संसद के बाहर गुरुवार को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस मामले में अपना पक्ष रखते हुए केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर गंभीर आरोप लगाए. केजरीवाल ने रेवड़ी कल्चर के नाम पर उनकी मुफ्त शिक्षा और मुफ्त इलाज के लिए बनाई योजनाओं को निशाना बनाने और उन्हें खत्म करने की कोशिश का हिस्सा बताया. केजरीवाल ने कहा पीएम जनता के खाने पर टैक्स लगा रहे है और अपने दोस्तों के करोड़ों के कर्ज माफ कर रहे हैं. इतना ही नहीं केजरीवाल ने अग्निवीर योजना, MNREGA स्कीम समेत कई मुद्दे के उदाहरण देते हुए मोदी सरकार पर तीखा प्रहार किया.
केजरीवाल के आरोपा पर बीजेपी की सफाई
दिल्ली के सीएम के इस हमले पर बीजेपी कहा चुप रहने वाली थी. गुरुवार से ही बीजेपी के एक के बाद एक नेताओं ने अरविंद केजरीवाल पर जवाबी हमला करना शुरु कर दिया. सबसे पहले मोर्चा संभाला बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने, अमित मालवीय ने कहा केजरीवाल झूठ बोल रहे हैं कि सरकार ने MNREGA स्कीम के बजट में कटौती की है. बल्कि राज्य पैसा खर्च करने में विफल रहे हैं. मालवीय ने आगे कहा कि केंद्र सरकार 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन दे रही है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने कर्ज माफ नहीं किया है, बल्कि 20 14-15 से 6.5 लाख करोड़ का कर्ज वसूल किया है.
अमित मालवीय के बाद मोर्चा संभाला केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने, अनुराग ठाकुर ने कहा “झूठ का रिकॉर्ड बनाने का काम किसी ने किया तो वो अरविंद केजरीवाल हैं, जो जनता को गुमराह करने का काम करते हैं। वो भली भांति जानते हैं कि आपदा के समय भी मनरेगा का बजट बढ़ाकर 1 लाख करोड़ किया गया जो कांग्रेस के समय मात्र 30 हजार करोड़ खर्च होता था. महामारी के समय 80 करोड़ गरीबों को 28 महीने तक मुफ्त राशन दिया। तो ये कहना कि अनाज को बंद किया गया है, अरविंद केजरीवाल जी का एक और झूठ है। अरविंद केजरीवाल जी की राजनीति झूठ से शुरू हुई थी और झूठ पर बनी हुई है”
केजरीवाल को जवाब देने बीजेपी नेता रवि शंकर प्रसाद भी मैदान में उतरे और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी. वित्त मंत्री ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस आरोप का खंडन करते हुए मुफ्त उपहारों के वितरण पर बहस की मांग की. सीतारमण ने कहा कि केजरीवाल मुफ्त पर होने वाली बहस को ‘विकृत मोड़’ दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य और शिक्षा को कभी भी मुफ्त नहीं कहा है। शिक्षा और स्वास्थ्य को मुफ्त में श्रेण में जोड़ केजरीवाल गरीबों के मन में चिंता और भय की भावना लाने की कोशिश कर रहे हैं।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि अरविंद केजरीवाल जानबूझकर इस विषय को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं. कोई यह नहीं कह रहा है कि गरीबों को मुफ्त लाभ देना गलत है. उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास लंबे समय के सुधारात्मक कदमों के लिए एक कोई रणनीति नहीं है। न उनके पास रोजगार पैदा करने या आय बढ़ाने या व्यापार में सुधार करने की कोई योजना है. उन्होंने कहा कि विपक्ष समाज के गरीबों-वंचितों के लिए कुछ करने में सक्षम नहीं है. वित्त मंत्री ने आरोप लगाया कि विपक्ष के पास सिर्फ चुनाव जीतने के लिए मुफ्त का वादा कर सत्ता पाने की योजना है। उन्होंने कहा कि विपक्ष सिर्फ चुनाव जीतने के लिए काम करता है. और उसकी ऐसी रणनीति आखिर में सरकारी खज़ाने पर भारी पड़ेगी और राज्य को दिवालिएपन की ओर ले जाएगी.
अरविंद केजरीवाल ने क्या आरोप लगाए थे?
आइये अब आपको बताते है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऐसा क्या कहा कि पूरी केंद्र सरकार और पार्टी उन्हें झूठा साबित करने मैदान में उतर गई.
1-केंद्र सरकार ने गरीब के खाने पर टैक्स लगा दिया है, वहीं बड़े व्यापारियों का 5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया गया.
2-अरविंद केजरीवाल ने कहा मुफ्त में मिलने वाली सुविधाओं को बंद करने की बात इसलिए तो नहीं हो रही हैं कि केंद्र सरकार की आर्थिक हालत ज्यादा खराब हो गई है?
3- केजरीवाल बोले कि केंद्र सरकार जब अग्निपथ योजना लाई तब कहा गया कि इसको लाने की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि सैनिकों के पेंशन का खर्च इतना बढ़ गया कि केंद्र सरकार उसको बर्दाश्त नहीं कर पा रही.
4-केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने 8वां वेतन आयोग लाने से भी मना कर दिया है.
5- केजरीवाल ने दावा किया कि केंद्र सरकार ने मनरेगा के लिए पैसा नहीं होने की बात कही है और इस साल इसमें 25% की कटौती हुई है.
6- दिल्ली सीएम ने पूछा कि केंद्र सरकार का 40 लाख का बजट है, लेकिन सारा पैसा कहां जा रहा है?
7- केजरीवाल ने आरोप लगाया कि ‘इन्होंने (केंद्र) ने अपने सुपर अमीर दोस्तों के लाखों-करोड़ों के कर्जे माफ कर दिए, क्यों? ये कर्जे माफ नहीं होते तो टैक्स नहीं लगाना पड़ता. साढ़े 3 लाख करोड़ की आमदनी पेट्रोल- डीजल के टैक्स से होती है? कहां गया पैसा?
8-केजरीवाल ने कहा कि सरकारी स्कूल बंद करने की बात हो रही है. फ्री इलाज बंद होना चाहिए ऐसा कहा जा रहा है.
केजरीवाल के आरोप और केंद्र सरकार के जवाबों को एक तरफ रख के सोचे तो सरकार का काम आखिर है क्या? समाज किस लिए एक सरकार चुनता है? एक देश को सरकार की जरूरत क्यों होती है? जवाब एक ही है कि गरीब और कमज़ोर की रक्षा और सभी को एक समान अवसर प्रदान करना सरकार का काम है. ऐसे में उद्योगपतियों को मिलने वाली छूट सही और आम आदमी की बुनियादी जरूरतों जिसमें रोटी, कपड़ा, मकान के साथ शिक्षा और स्वास्थ्य को पूरी करने वाली मुफ्त योजनाएं गलत कैसे हो सकती है.

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