बिहार: Nitish Kumar ने जातीय जनगणना से जुडी रिपोर्ट विधानमंडल में पेश कर दी है. इस रिपोर्ट के जरिये बताया गया कि राज्य में किस जाति में कितनी गरीबी है. बिहार सरकार ने जिन जातियों को सर्वणों की जमात में शामिल किया है, उनमें हिन्दू और मुस्लिम समाज की 7 जातियां शामिल है. Nitish Kumar सरकार की रिपोर्ट बता रही है कि सर्वणों में सबसे ज्यादा गरीब भूमिहार में हैं.

बिहार सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक सवर्णों की श्रेणी में 7 जातियां शामिल है. इनमें हिन्दू धर्म की चार हैं. ब्राह्मण, भूमिहार, राजपूत और कायस्थ के अलावा मुस्लिम धर्म से शेख, सैय्यद और पठान शामिल है. सरकार ने इन वर्गों की आर्थिक स्थिति की रिपोर्ट पेश की है.
Nitish Kumar सरकार में सवर्णों में कितनी है गरीबी ?
सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक सामान्य वर्ग यानि सवर्णों में सबसे ज्यादा गरीबी भूमिहारों में है. सरकार के मुताबिक बिहार में 27.58 प्रतिशत भूमिहार आर्थिक रूप से गरीब हैं. बिहार में गरीब परिवारों की संख्या 8 लाख 38 हज़ार 447 है, जिसमें 2 लाख 31 हज़ार 211 हिंदु परिवार हैं. हिन्दू सर्वणों में गरीबी के मामले में ब्राह्मण दूसरे नंबर पर हैं.
सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक 25.32 प्रतिशत ब्राह्मण परिवार गरीब है. बिहार में ब्राह्मण जाति के कुल 10 लाख 76 हज़ार 563 परिवार हैं. इनमे 2 लाख 72 हज़ार 576 परिवार गरीब हैं.
सवर्णों में गरीबी के मामले में तीसरे नंबर पर राजपूत है. सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक राजपूतों में 24.89 प्रतिशत आबादी गरीब है. बिहार में राजपूत 9 लाख 53 हज़ार 447 परिवार है. जिनमे 2 लाख 37 हज़ार 412 परिवार को गरीब माना गया है.
सरकार का कहना है कि बिहार में कायस्थ में केवल 13.83 प्रतिशत लोग गरीब हैं. बिहार में कायस्थों के परिवारों की संख्या 1 लाख 70 हज़ार 985 हैं. इसमें 23 हज़ार 639 परिवार गरीब हैं.
सरकार ने मुसलमानों में सवर्ण माने जाने वाली तीन जातियों शेख, पठान और सैय्यद का भी आर्थिक लेखा जोखा पेश किया है. सरकार के मुताबिक शेख जाति 25.84 प्रतिशत गरीब हैं. शेख जाति के कुल 10 लाख 38 हज़ार 88 परिवार हैं, जिनमें 2 लाख 68 हज़ार 398 परिवार गरीब हैं. पठान जाति के 22.20 प्रतिशत लोग गरीब हैं. सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक मुसलमानों में सैय्यद जाति के 17.61 प्रतिशत परिवार गरीब हैं.

