Friday, October 17, 2025

नीतीश पर वक्फ मामले में विश्वासघात का आरोप, JDU के मुस्लिम नेताओं ने छोड़ा साथ

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वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की टेंशन बढ़ा दी है. संसद के दोनों सदनों से बिल के पारित होने के बाद उन्हें एक के बाद एक झटके लग रहे हैं. JDU में इस्तीफों की झड़ी लगी है. पार्टी के कई पुराने नेता अब नीतीश का साथ छोड़ रहे हैं. अब तक पांच से ज्यादा मुस्लिम नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है. पार्टी से नाराजगी के कारण नेताओं ने नेम प्लेट को उखाड़कर तोड़ दिया. उन्होंने सीएम नीतीश के खिलाफ जमकर नारेबाजी की है. नेताओं का आरोप है कि मुख्यमंत्री ने भरोसा तोड़ा है.

वक्फ बिल के विरोध में पार्टी छोड़ने वालों में राजू नैयर, तबरेज सिद्दीकी अलीग, नदीम अख्तर, मोहम्मद शाहनवाज मलिक और मोहम्मद कासिम अंसारी शामिल हैं. साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जेडीयू) के नेताओं के इस्तीफे से पार्टी की चिंताएं बढ़ गई हैं, क्योंकि पार्टी के भीतर असंतोष बढ़ रहा है.

राजू नैयर ने अपने इस्तीफे में कहा कि वह वक्फ संशोधन विधेयक के लिए जेडीयू) के समर्थन से बहुत आहत हैं, उन्होंने इसे काला कानून बताया जो मुसलमानों पर अत्याचार करता है. उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक के लोकसभा में पारित होने और समर्थन मिलने के बाद मैं जेडीयू) से इस्तीफा दे रहा हूं और पार्टी की सभी जिम्मेदारियों से मुक्त होने की बात कही है.

मुख्यमंत्री ने भरोसा तोड़ा- तबरेज हसन

तबरेज हसन ने शुक्रवार को जेडीयू) प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संबोधित अपने इस्तीफे में कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक के लिए पार्टी के समर्थन ने मुसलमानों का भरोसा तोड़ा है, जो मानते हैं कि यह धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के लिए है. तबरेज ने एक पत्र में लिखा कि मुझे उम्मीद थी कि आप अपनी धर्मनिरपेक्ष छवि को बनाए रखेंगे, लेकिन इसके बजाय, आपने उन लोगों का साथ दिया, जिन्होंने लगातार मुसलमानों के हितों के खिलाफ काम किया है.

संसद में पास हुआ विधेयक

वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक, 2024 को लोकसभा के बाद राज्यसभा ने पास कर दिया है. करीब 12 घंटे की मैराथन चर्चा के बाद वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पास हुआ. लोकसभा में बिल के पक्ष में 288 वोट पड़े तो वहीं इसके खिलाफ 232 वोट पड़े. वहीं राज्यसभा में वक्फ बिल के पक्ष में 128 और विपक्ष में 95 वोट पड़े. राज्यसभा में कांग्रेस को बोलने के लिए 45 मिनट का वक्त दिया गया था. लोकसभा में इस बिल पर चर्चा के दौरान जमकर हंगामा देखने को मिला था.

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