झारखंड में एक बेहद सनसनीखेज साइबर फ्रॉड का मामला सामने आया है, जिसने देश के VVIP सुरक्षा प्रोटोकॉल पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. एक अज्ञात शख्स ने खुद को झारखंड का मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बताकर न केवल कर्नाटक के उप-मुख्यमंत्री को परेशान करने की कोशिश की, बल्कि राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी निशाना बनाया.
CM के नाम का दुरुपयोग, हाई-प्रोफाइल नेताओं को कॉल
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, यह गंभीर घटना तब सामने आई जब मोबाइल नंबर 743977614 से किसी अज्ञात व्यक्ति ने खुद को झारखंड का मुख्यमंत्री बताते हुए शनिवार, 15 नवंबर की रात करीब 9:50 बजे कर्नाटक के उप-मुख्यमंत्री को फोन किया.
दर्ज एफआईआर में यह खुलासा भी किया गया है कि इसी आरोपी ने इसी नंबर से पूर्व सीएम अशोक गहलोत को भी फोन करके परेशान किया था. शिकायतकर्ता ने इस कृत्य को ख्याति प्राप्त लोगों को परेशान करने का एक चिंताजनक प्रयास बताया है.
सीएम हेमंत के सचिव ने दर्ज कराया FIR
इस हाई-प्रोफाइल मामले को गंभीरता से लेते हुए, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निजी सचिव (PS) जय प्रसाद ने रविवार को गोंदा थाने में एफआईआर दर्ज कराई है.एफआईआर के अनुसार, फोन करने वाले आरोपी ने मुख्यमंत्री बनकर बातचीत के दौरान असभ्य और संदिग्ध तरीके का इस्तेमाल किया, जो बेहद आपत्तिजनक है. जय प्रसाद ने बातचीत का ऑडियो सबूत एक पेन ड्राइव में पुलिस को सौंपा है. एफआईआर में साफ कहा गया है कि यह कृत्य मुख्यमंत्री की छवि धूमिल करने का एक निंदनीय प्रयास है.
रांची पुलिस जांच में जुटी, CM सोरेन का सख्त निर्देश
मामले की गंभीरता को देखते हुए, रांची पुलिस ने तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी है और तकनीकी टीम की मदद से गहन जांच जारी है। पुलिस की टीमें फोन लोकेशन, कॉल रिकॉर्ड और सिम कार्ड विवरण के आधार पर आरोपी की पहचान करने में जुट गई हैं.
पुलिस को स्वयं मुख्यमंत्री सोरेन का स्पष्ट निर्देश है कि वह इस मामले में जल्द से जल्द कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करें. गौरतलब है कि शुरुआती जांच में, ट्रू कॉलर पर यह नंबर ‘अभिजीत न्यू सीम जीम पीटी’ के नाम से प्रदर्शित हो रहा था, जिसके आधार पर औपचारिक एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस जल्द से जल्द इस फर्जी सीएम को बेनकाब करने की कोशिश कर रही है.

