Friday, October 10, 2025

चुनाव आयोग का बड़ा कदम: 2003 की वोटर लिस्ट ऑनलाइन उपलब्ध, 4.96 करोड़ वोटरों को दस्तावेज़ से छूट

- Advertisement -

Bihar voter list survey : बिहार के करीब 4.96 करोड़ वोटर्स को अब दस्तावेज जमा करने की झंझट से राहत मिल गई है. देश के चुनाव आयोग ने साल 2003 की निर्वाचक नामावलियां सूची अपनी आधिकारिक  वेबसाइट पर अपलोड कर दी हैं. इन सूचियों में वोटर्स की पूरी डिटेल पहले से मौजूद है, जिससे उन्हें या उनके बच्चों को अलग से कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं पड़ेगी. नीचे दिये वेबसाइट पर वोटर अपना नाम चेक कर सकते हैं.

https://voters.eci.gov.in

Bihar voter list survey : अधिकारियों को मिलेगी हार्डकॉपी 

चुनाव आयोग ने 24 जून को जारी निर्देशों में कहा है कि सीईओ, डीईओ और ईआरओ को 2003 की निर्वाचक नामावलियां सभी बीएलओ को हार्ड कॉपी में उपलब्ध करानी होंगी. साथ ही ये सूचियां ऑनलाइन भी सार्वजनिक की गई हैं. ताकि लोग उन्हें डाउनलोड कर सकें और गणना फॉर्म जमा करते समय दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में इस्तेमाल कर सकें.

इन वोटर्स को दस्तावेज देने की जरूरत नहीं

बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision SIR) अभियान के तहत यह कदम अहम माना जा रहा है. आयोग के अनुसार, इससे करीब 60 प्रतिशत वोटर्स को दस्तावेज देने की जरूरत नहीं पड़ेगी. उन्हें केवल 2003 की सूची में अपना नाम और विवरण सत्यापित कर गणना फॉर्म भरना होगा. इससे वोटर्स और बीएलओ दोनों को कार्य में सुविधा मिलेगी और प्रक्रिया तेज होगी.

इसके अलावा जिन लोगों का नाम 2003 की सूची में नहीं है, वो भी अपने माता या पिता के नाम को प्रमाणित करने के लिए इसी सूची के संबंधित अंश का उपयोग कर सकते हैं. ऐसे मामलों में माता-पिता के लिए अलग से दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी. इन वोटर्स को सिर्फ अपने व्यक्तिगत दस्तावेज गणना फॉर्म के साथ जमा करने होंगे.

पुनरीक्षण क्यों होता है जरूरी?

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 21(2)(क) और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम, 1960 के नियम 25 के मुताबिक, प्रत्येक चुनाव से पहले निर्वाचक नामावलियों का पुनरीक्षण अनिवार्य होता है. आयोग पिछले 75 साल से नियमित रूप से वार्षिक, गहन और संक्षिप्त पुनरीक्षण करता आ रहा है.

यह पुनरीक्षण जरूरी है क्योंकि मतदाता सूची एक जीवंत दस्तावेज होती है. इसमें मृत्यु, स्थान परिवर्तन, नई उम्र के वोटर्स के नाम जोड़ने जैसे कारणों से लगातार संशोधन होते रहते हैं. संविधान के अनुच्छेद 326 के तहत, 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के भारतीय नागरिक, जो संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के सामान्य निवासी हैं, ही मतदाता बनने के पात्र माने जाते हैं.

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news