पटना, (अभिषेक झा- ब्यूरो चीफ): बिहार में सियासी हलचल के बीच जीतन राम मांझी पर सबकी नज़र है. मांझी ने एनडीए गठबंधन से 2 मंत्री पद की मांग कर साफ कर दिया है कि अगर उनकी मांग का सम्मान नहीं किया गया तो वो अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे. ऐसे में मांझी के खुले छोड़े गए दरवाज़े पर दस्तक देने शनिवार को सीपीआई एमएल के विधायक पहुंचे.
लालू यादव का संदेश लेकर पहुंचे माले विधायक ?
तमाम सियासी कयासों के बीच बलरामपुर से माले विधायक महबूब आलम और सीवान के दरौली से माले विधायक सत्यदेव राम शनिवार को हम सुप्रीमों जीतन राम मांझी से मुलाकात करने पहुंचे. ऐसे कहा जा रहा है कि दोनों विधायकों को आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने अपने संदेश के साथ भेजा है.
जानकारी के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे में मुलाकात हुई है. कहा जा रहा है कि लालू प्रसाद ने मांझी को मनाने के लिए माले विधायक को दूत बनाकर भेजा है. ऐसे में सियासी गलियारे में एक बार फिर मांझी के पाला बदलने की चर्चा तेज हो गई है.
12 फरवरी को है फ्लोर टेस्ट
दरअसल, नई सरकार के गठन के बाद से ही आरजेडी और कांग्रेस फ्लोर टेस्ट से पहले बड़े खेल का दावा कर रहे हैं. बड़े सियासी खेल की अटकलों के बीच आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने अपना आखिरी दांव चल दिया है. जीतन राम मांझी और उनके बेटे हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन से माले विधायक की मुलाकात हुई है. हालांकि हम ने किसी भी तरह के सियासी खेल से इनकार किया है.
जीतन राम मांझी के बयानों ने खोला महागठबंधन के लिए रास्ता
राज्य में एनडीए की सरकार बनने के बाद से ही जीतन राम मांझी एक और मंत्री पद की मांग कर सरकार पर दबाव बना रहे थे. उन्होंने यहां तक कहा था कि कांग्रेस की तरफ से उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का ऑफर दिया जा रहा है. मांझी ने कहा था कि एक रोटी से उनका पेट नहीं भरने वाला है और पेट भरने के लिए कम से कम दो रोटी की जरूरत है. मांझी के इस बयान के बाद कहा जा रहा था कि वे कभी भी पाला बदल सकते हैं.
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