बिहार में जहरीली शराब के कारण छपरा जिले में 40 लोगों की मौत हो चुकी है. जिसके बाद इसको लेकर पूरे इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ है. जिसके बाद इतनी बड़ी संख्या में हुई मौत को लेकर सरकार सतर्क हुई है और इसको लेकर जिले में कई जगहों पर छापेमारी भी की जा रही है. पुलिस टीम ने अब तक करीब 30 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. इनके निशानदेही पर कई अन्य जगहों पर भी छापेमारी की जा रही है.
दरअसल, बिहार के छपरा जिले में सोमवार देर शाम जहरीली शराब के सेवन से कुछ लोग बीमार हो गए जिन्हें इलाज के लिए आनन- फानन में सदर अस्पताल में भर्ती करवाया गया. जिसके बाद इलाज के दौरान मंगलवार देर रात तक 40 लोगों की मौत हो गई. इसमें से सबसे अधिक मरने वाले मशरख इलाके के रहने वाले बताए जा रहे हैं. यह पूरा मामला ज़िले के इसुआपुर थाना क्षेत्र का है. इसके बाद इतनी बड़ी संख्या में हुई मौत पर पुलिस महकमा हरकत में आयी है. पुलिस महकमें ने अबतक इस मामले को लेकर मशरक, इसुआपुर,अमनौर व मढ़ौरा में कई धंधेबाजों के ठिकानों को खंगाला गया. जिसमें 30 लोगों को हिरासत में लेकर छापेमारी की गई.
बता दें कि, छपरा में अवैध शराब कारोबारियों को गिरफ्त में लेने के लिए एसपी संतोष कुमार ने मढ़ौरा डीएसपी के नेतृत्व में एक टीम गठित की. इसके अलावा दो और टीमों का गठन किया गया है. मशरक और इसुआपुर थाना इलाके में छापेमारी तेज की गई है. पुलिस छापेमारी के बाद से धंधेबाजों में हड़कंप मचा हुआ है. एसडीओ और एसडीपीओ, सदर छपरा, मढ़ौरा और सोनुपर को आदेश दिया गया है कि मांझी, मशरक, मकेर और रसूलपुर के समीप स्थित अन्तर्राज्यीय अंतरजिला चेक पोस्ट का भी संयुक्त रूप से निरीक्षण कर प्रतिवेदन समर्पित करें. इसके साथ ही इसुआपुर, मशरक, मढ़ौरा और अमनौर प्रखंडों के सीमावत्ती क्षेत्रों और प्रभावित इलाकों में घर-घर जाकर सर्वेक्षण भी करें.
इधर, इस मामले को लेकर एडीजी मुख्यालय जेएस गंगवार ने बताया कि, पुलिस, मद्यनिषेध और एंटी लिकर टास्क फोर्स मिलकर छानबीन और छापेमारी में जुटी है. कार्रवाई का नेतृत्व सारण के रेंज डीआईजी और वहां के एसपी कर रहे हैं. हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ की जा रही है. जहरीली शराब से हुई मौतों की जांच के लिए मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के दो अधिकारियों का दल छपरा पहुंच गया है. विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश पर संयुक्त आयुक्त मद्यनिषेध श्रीकृष्णा पासवान और उपसचिव मद्यनिषेध निरंजन कुमार जांच में जुट गए हैं. जल्द दोनों अधिकारी अपनी रिपोर्ट अपर मुख्य सचिव को सौंपेंगे.