Friday, September 20, 2024

ZEE Media की बड़ी मुशिकलें, SEBI ने जारी किया समन, 2000 करोड़ की हेरा फेरी का है आरोप

देश के सबसे बड़े न्यूज चैनल्स और मीडिया हाउसेस में से एक ZEE Media एंड एंटरटेनमेंट PVT लिमिटेड पर इन दिनों आफतों के बादल मंडरा रहे हैं. पहले ज़ी सोनि मर्जर की करोड़ों की डील रद्द हुई और अब मार्किट रेगुलेटरी संस्थान स्टॉक एक्सचेंज ब्यूरो ऑफ़ इंडिया यानी SEBI की तरफ ने ज़ी मीडिया पर लगाए हैं 2000 करोड़ की हेरा फेरी के आरोप.

जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज के खातों में हुई बड़ी हेराफेरी

खबरों के मुताबिक सेबी ने कथित तौर पर जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज के खातों में ₹2,000 करोड़ की हेराफेरी पकड़ी है. यह Sony के साथ मर्जर डील टूटने के ठीक एक महीने से भी कम समय में इस मीडिया फर्म के लिए एक और झटका है. सोनी के साथ 10 अरब डॉलर की मर्जर योजना विफल होने के बाद जी के सीईओ निवेशकों को जहां आश्वस्त करने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में अब सेबी के इस नए खुलासे के साथ हर किसी को परेशानी में डाल दिया है. और इसी के साथ गोयनका की भी मुसीबतें बढ़ा दी हैं.

कंपनी में हुई लगभग 241 मिलियन डॉलर की हेराफेरी

जानकारी के मुताबिक, सेबी ने कंपनी से लगभग 241 मिलियन डॉलर की हेराफेरी का मामला पकड़ा है. यह रकम सेबी जांचकर्ताओं द्वारा शुरू किए गए अनुमान से लगभग दस गुना अधिक है. रिपोर्ट में कहा गया है कि गायब पाई गई यह रकम आखिरी नहीं है. सेबी ने अपना पक्ष रखने के लिए जी के संस्थापकों, सुभाष चंद्रा, उनके बेटे पुनीत गोयनका और कुछ बोर्ड मेंबर समेत सीनियर अधिकारियों को सामान जारी कर बुलाया है.

वहीं, सेबी के प्रवक्ता ने ब्लूमबर्ग और रॉयटर्स के ईमेल प्रश्नों का जवाब नहीं दिया. जबकि, Zee के एक प्रवक्ता ने कहा है कि कंपनी चल रही जांच में सेबी द्वारा मांगी गई सभी जानकारी या स्पष्टीकरण देने की प्रक्रिया में है.

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2023 से Sony और Zee की बीच हो रही तकरार

आपको बता दें पिता-पुत्र की जोड़ी की कथित वित्तीय अनियमितताओं की नियामक जांच की वजह से 2023 से सोनी और जी के बीच काफी तकरार हुई है. इसने सोनी को गोयनका को मर्ज की गई यूनिट का नेतृत्व देने से इनकार कर दिया. हालांकि, 2021 के मर्जर के समझौते में उनसे सीईओ पद का वादा किया गया था. इस तकरार के कारण आखिर में सोनी को जनवरी में डील रद्द करनी पड़ी.

सेबी ने अगस्त के एक आदेश में चंद्रा और गोयनका को अपने पद के दुरुपयोग और व्यक्तिगत लाभ के लिए फंड की हेराफेरी का हवाला देते हुए किसी भी लिस्टेड फर्म में सीईओ या डायरेक्टर पद संभालने से प्रतिबंधित कर दिया था. जी ने इस आदेश के ख़िलाफ़ अपील की, जिससे अक्तूबर में थोड़ी राहत मिली, जिससे गोयनका की चल रही जांच के दौरान कार्यकारी पद पर बने रहने की अनुमति मिल गई थी. लेकिन अब इस नए खुलासे से क्या उनकी मुश्किलें बढ़ेंगी क्या ZEE मीडिया खतरे में हैं. इसका सही जवाब सेबी की जांच के बाद ही पता चल पायेगा.

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