नई दिल्ली : 9-10 सितंबर को दिल्ली में जी 20 समिट में आये मेहमानों को माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रात्रि भोज के लिए आमंत्रित किया है. इस पत्र में मेहमानों को आमंत्रित करते हुए ‘रिपब्लिक ऑफ इंडिया’ की जगह पर ‘रिपब्लिक ऑफ भारत’ (BHARAT) शब्द का प्रयोग किया गया है. माननीय राष्ट्रपति के इस पत्र में रिपब्लिक ऑफ भारत (BHARAT) शब्द ने एक नई चर्चा को शुरु कर दिया है
"It is a proud moment for every Indian to have 'The President of Bharat' written on the invitation card for the dinner to be held at Rashtrapati Bhavan during the G20 Summit," tweets Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami pic.twitter.com/kXVVYbPQ7B
— ANI (@ANI) September 5, 2023
संघ प्रमुख मोहन भागवत की इंडिया नहीं भारत अपील का प्रभाव ?
राष्ट्रपति के इस निमंत्रण पत्र मे लिखे शब्द को संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान से जोड़ कर देखा जा रहा है. संघ प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में गोवाहाटी में एक कार्यक्रम के दौरान देश के लिए इंडिया शब्द क जगह पर भारत का प्रयोग करने पर बल दिया था. संघ प्रमुख के बयान के बाद राष्ट्रपति के पत्र में आम तौर से देश के लिए इंडिया शब्द का प्रयोग होने वाले जगह पर भारत शब्द का प्रयोग किया गया है.
दरअसल G20 बैठक के लिए दुनिया भर के कई देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेने आ रहे हैं. इस बैठक में शामिल होने वाले राष्ट्राध्यक्षों और राजदूतों को राष्ट्रपति मूर्मु ने रात्रि भोज के लिए औपचारिक निमंत्रण पत्र भेजा है. इस आधिकारिक निमंत्रण पत्र में पहली बार रिपब्लिक ऑफ इंडिया की जगह पर रिपब्लिक ऑफ भारत शब्द का प्रयोग किया गया है. इसे अब आरएसएस प्रमुख के’ इंडिया नहीं भारत बोलने वाले अपील ‘ से जोड़ कर देखा जा रहा है.
BHARAT : संघ प्रमुख मोहन भागवत की क्या थी अपील ?
हमारे देश का नाम भारत है, दुनिया में कहीं भी जाएं भारत ही कहें: मोहन भागवत, RSS चीफ pic.twitter.com/jgJBEYihfb
— NDTV India (@ndtvindia) September 5, 2023
आपको बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बीते शुक्रवार को गोवाहाटी में जैन समाज के एक प्रोग्राम के दौरान अपने भाषण में कहा था कि हमारे देश का नाम सदियों से भारत ही रहा है , इंडिया नहीं . भागवत ने कहा कि हमें अपने देश का जो पुराना नाम है अधिक से अधिक उसी का इस्तेमाल करना चाहिये. भागवत ने आगे कहा था कि दुनिया में आप जहां भी जायें भारत नाम का ही प्रयोग लिखने बोलने में करें, अगर कोई नहीं भी पहचानता है तो कोई चिंता की बात नहीं.जिसे समझना होगा वो अपने आप समझ लेंगे. भागवत ने कहा था कि दुनिया को हमारी जरुरत है, हमें दुनिया की जरुरत नहीं हैं. इस लिए अगर कोई समझ नहीं भी पाता है तो कोई बात नहीं, आप इसकी चिंता ना करें