Monday, December 23, 2024

खेल का मैदान हो या जीवन का मैदान, हार-जीत हमेशा लगी रहती है, ज्ञान और अनुभव सबसे बड़ी पूंजी: प्रधानमंत्री

लखनऊ: 16 फरवरी 2023 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गोरखपुर में सांसद खेल स्पर्धा महाकुम्भ-2023 के समापन के अवसर पर अपने वीडियो संदेश के ज़रिये सभी खिलाड़ियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं. इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सांसद खेल स्पर्धा महाकुम्भ के समापन कार्यक्रम में खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया. कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आप सभी ने इस प्रतियोगिता में बहुत मेहनत की है. कुछ खिलाड़ियों को जीत मिली होगी, कुछ को हार का सामना करना पड़ा होगा. खेल का मैदान हो या जीवन का मैदान, हार-जीत हमेशा लगी रहती है. अगर आप यहां तक पहुंचे हैं, तो आप हारे नहीं हैं, आपने जीतने के लिए बहुत कुछ सीखा है, ज्ञान अर्जन किया है और अनुभव हासिल किया है, यही तो सबसे बड़ी पूंजी है. आपकी यही खेल भावना भविष्य में आपके लिए सफलताओं के दरवाजे खोलेगी.

समारोह में प्रधानमंत्री का संबोधन

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस प्रतियोगिता में कुश्ती, कबड्डी, हाॅकी जैसे खेलों के साथ-साथ चित्रकारी, लोकगीत, लोकनृत्य और तबला एवं बांसुरी वादन आदि के कलाकारों ने भी भाग लिया है. यह बहुत ही सुन्दर, सराहनीय और प्रेरणा देने वाली पहल है. प्रतिभा चाहे खेल की हो या फिर किसी दूसरी कला या संगीत की, उसकी भावना और उसकी ऊर्जा एक जैसी ही होती है. जो हमारी भारतीय विधाएं व लोक विधाए हैं, उन्हें आगे बढ़ाने की नैतिक जिम्मेदारी भी हम सब पर है. इसी बीच PM मोदी ने सांसद रवि किशन की बात करते हुए कहा कि वो खुद ही इतने प्रतिभावान कलाकार हैं, इसलिए स्वाभाविक है वो कला की अहमियत को बहुत अच्छी तरह समझते हैं.
आएगी उन्होंने ये भी बताया कि इससे पहले जब गोरखपुर में खेल महाकुम्भ हुआ था. तो उसमें लगभग 18 से 20 हजार खिलाड़ियों ने भाग लिया था. इस बार यह संख्या बढ़कर करीब 24 हजार से 25 हजार हो गई है. इनमें से करीब 09 हजार तो बेटियां भी हैं. हजारों की संख्या में ऐसे युवा हैं, जो किसी छोटे गांव व छोटे कस्बे से आये हैं. सांसद खेल प्रतियोगिताएं किस तरह युवा खिलाड़ियों को नये अवसर देने का नया प्लेटफाॅर्म बन रही हैं. पहले गांव देहात में होने वाले मेलों में खेलकूद होते थे. अखाड़ों में तरह तरह के खेलों का आयोजन होता था. लेकिन समय बदला और यह सारी पुरानी व्यवस्थाएं धीरे-धीेर कम होने लगी. पिछले दो-तीन दशकों में भारत में न तो खेल सुविधाए बढ़ीं और न ही नई खेल व्यवस्थाओं को आकार मिला था.
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि खेल की दुनिया में प्रतिभावान खिलाड़ियों को सामने लाने में सांसद खेल महाकुम्भ की बड़ी भूमिका है. आज देश में सैकड़ों सांसद ऐसे खेल महाकुम्भ का आयोजन करा रहे हैं और बड़ी संख्या में युवा खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का मौका मिल रहा है.
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि खेल महाकुम्भ जैसे आयोजन के साथ ही छोटे-छोटे शहरों में स्थानीय स्तर पर खेल सुविधाओं के निर्माण पर जोर है. गोरखपुर का रीजनल स्पोट्र्स स्टेडियम इसका एक बड़ा उदाहरण है. गोरखपुर के ग्रामीण इलाकों में युवाओं के लिए 100 से ज्यादा खेल मैदान बनाए गये हैं. चैरी-चैरा में ग्रामीण मिनी स्टेडियम बनाया जा रहा है. खेलो इंडिया मूवमेण्ट के तहत दूसरी खेल सुविधाओं के साथ-साथ खिलाड़ियों की ट्रेनिंग पर भी ध्यान दिया जा रहा है.

इस साल के बजट में खेल के लिए कई प्राविधान किये गये है. साल 2014 की तुलना में खेल मंत्रालय का बजट अब लगभग तीन गुना है. आज देश में अनेक आधुनिक स्टेडियम बनाए जा रहे हैं . ऐसे में टारगेट ओलम्पिक पोडियम (टाॅप्स) जैसी योजनाओं के जरिए खिलाड़ियों की ट्रेनिंग के लिए लाखों रुपये की मदद की जा रही है.

मुख्यमंत्री योगी जी ने क्या कहा?

इन सब के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सांसद खेल स्पर्धा महाकुम्भ-2023 के समापन कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में खेलो इंडिया अभियान से पूरे देश में खेल के प्रति युवाओं के मन में एक नई जागरूकता पैदा हुई है. फिट इंडिया मूवमेण्ट ने इसे एक नई ऊँचाइयों तक पहुंचाने में अपना योगदान दिया है. आज सांसद खेल स्पर्धा महाकुम्भ के जरिये हर संसदीय क्षेत्र में खेल की अलग अलग प्रतियोगिताएं से अपने छात्र-छात्राओं, युवाओं को जुड़ते हुए देखते हैं, तो नये भारत और सशक्त भारत की तस्वीर देश के सामथ्र्य को सबके सामने प्रस्तुत करती हुयी दिखाई देती है.

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