Bangladesi Hindus : बंग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्ता पलट के बाद बनी अंतिरम सरकार में गृह विभाग के सलाहकार मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी ने ऐलान किया है कि अब बंग्लादेश में अजान और नमाज के समय हिंदु समुदाय के लोग पूजा पाठ नहीं कर सकते हैं . जिस समय नमाज और अजान हो रही होगी, उस समय कोई भी हिंदु समुदाय के लोग लाउडस्पीकर पर भजन-कीर्तन, पूजा-पाठ नहीं कर सकते हैं. अगर किसी ने आदेश का उल्लंधन किया जो उन्हें बिना वारेंट भी गिरफ्तार कर लिया जायेगा.
Bangladesi Hindus के लिए यूनूस सरकार का तानाशाही फरमान
बंग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने बंग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया और नोबेल पुरस्कार विजेता प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस से उनके देश में मौजूद हिंदुओं की सुरक्षा करने सुनिश्चित करने की अपील की थी लेकिन अब बंग्लादेश में अल्पसंख्य हिंदु समुदाय की हालत ज्यादा खराब होती जा रही है. बंगालदेश के अखबार ‘ढाका ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट है कि बांग्लादेश की सरकार ने दुर्गा पूजा पंडालों में होने वाली पूजा के समय बजने वाले म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट, लाउडस्पीकर आदि को अजान और नमाज के समय बंद करने के आदेश दिये हैं.
दूर्गा पंडाल लगाने से भी डरे लोग
बंग्लादेश में रहने वाली हिंदु आबादी के लिए दूर्गा पूजा साल का सबसे बड़ा आयोजन है. यहां अल्पसंख्यक होने के बावजूद अबतक हिंदु समुदाय के लोग हर साल बढ़चढ़ कर दूर्गा पूजा उत्सव का आयोजन करते थे लेकिन अब सत्ता परिवर्तन के बाद वहां मौजूद अंतरिम सरकार के निशाने पर अल्पसंख्य हिंदु समुदाय के लोग हैं. सत्ता परिवर्तन के बाद पिछले करीब एक महीने में अब तक हिंदु समुदाय के साथ म़ॉब लिंचिंग जैसी 4 बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं. 10 से अधिक हिंदू मंदिरों मे तोड़ फोड़ हुए हैं, मंदिर के अंदर रखे धन लूट लिये गये और वहां तोड़ फोड़ कर मंदिरों को नष्ट करने की कोशिश की गई. अब तक 50 शिक्षकों को अलग अलग स्कूलों और अन्य शिक्षण संस्थानों से इस्तीफी लेकर बाहर निकाला जा चुका है.
पिछले साल के मुकाबले कम लगेंगे पूजा पंडाल
ऐसे खूंखार आंतंकियों को छोड़े जाने की खबर है, जिनपर हिंदु समुदाय के खिलाफ कत्लआम करने तक के संगीन आरोप हैं. बंग्लादेश में आम तौर पर दूर्गा पूजा के दौरान 30 से 35 हजार पंडाल लगाये जाये थे , जहां दूर्गा मूर्ति स्थापना और पूजा पाठ होता था. पिछले साल यहां शारदीय नवरात्री के दौरान कुल 33 हज़ार 431 ‘पंडाल’ स्थापित हुए थे लेकिन इस हालात इतने बदल गये है कि लोग साल के सबसे बड़े पूजा समारोह में भी पंडालों लगाने से डर रहे हैं. खबर है कि इस साल पंडालों की संख्या 32 हज़ार या उससे भी कम रह सकती है.
दूर्गा पूजा कमेटियों को दिये गये खास निर्देश
नोबल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस की सरकार में अब हिंदु समुदाय के लोगों के लिए पूजा पाठ करना भी अपराध की श्रेणी में आ गया है. यूनूस सरकार ने खास तौर से दूर्गा पूजा के पहले ये ऐलान किया है कि सरकार के इस फैसले का पालन उन सभी कमेटियों को करना होगा जो 9 अक्टूबर से 13 अक्टूबर के बीच दूर्गा पंडालों में माता दूर्गा की प्रतीमा स्थापित करेंगे और उनकी पूजा होगी. आम तौर पर दूर्गा पंडालों मे सुबह और शाम देवी दूर्गा की पूजा के दौरान आरती और मंत्रोच्चारण होते हैं, अधिक से अधिक लोग इस सुन सकें, इसलिए पूजा कमेटियां यहां लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करती हैं लेकिन अब बंगलादेश सरकार के आदेश के मुताबिक मस्जिदों से होने वाले अज़ान से 5 मिनट पहले पूजा पंडालों में सभी धार्मिक अनुष्ठानों को बंद करना अनिवार्य होगा. इस समय में कोई भी हिंदु लाउडस्पीकर पर भजन या मंत्रोच्चार आदि नहीं कर पायेगा.
बंग्लादेशी हिंदुओ के लिए क्योंं नहीं उठ रही है संंवेदनाभरी आवाज !
यानी अब सवाल ये है कि जब दुनिया में कही भी अल्पसंख्यको पर हो रहे अत्याचार की बात होती है तो भारत से मुखर आवाज आती है. अधिकतर लोग मानवाधिकार की वकालत करते हैं और अत्याचार के खिलाफ अवाज उठाते हैं, और ठीरक भी है. आवाजें ही अत्याचार को कम कर सकती हैं लेकिन आज जब बंगालदेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं की जिंदगी खतरे में है, उनपर अत्याचार हो रहे हैं, तब वो संवदेनशाील लोग आवाज क्यों नहीं उठा रहे हैं. बंगलादेश को लेकर हिंदुस्तान में हैशटैघ क्यों नहीं चलाये जा रहे हैं. बंग्लादेश में अल्पसंख्यक हो गये हिंदु समाज के लिए भारत से कोई मजबूत और सेक्यूलर आवाज क्यों नहीं उठ रही है.
अमेरिकी में अश्वेत की हत्या पर दुनिया भर में चले हैशटैग
2020 में अमेरिका में अल्पसंख्यक “ब्लैक” के साथ अमेरिकी पुलिसिया अत्य़ाचार को लेकर बाद पूरी दुनिया में ”Black Lives Matter” के नाम से हैशटैग चलाया गया, इजराइल फिलिस्तीन में चल रही लड़ाई को लेकर हमारे देश की संसद तक में आवाज उठी , लेकिन बंगलादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचार को लेकर कोई मजबूत आवाज सुनाई नहीं दे रही है. आखिर आज भारत में #Bangladeshi Hindu Matter” के नाम से कोई हैश टैग , कोई अभियान क्यों नहीं चल रहा है ?
क्रिकेट खिलाडियों ने भी ”Black Lives Matter” को दिया था समर्थन
मई 2020 में अमेरिका में पुलिस के द्वारा एक अश्वेत George Floyd की हत्या कर दी गई थी, तब पूरी दुनिया में चल रहे ”Black Lives Matter” नाम के अभियान भारतीय क्रिकेट टीम ने (2021 अक्टूबर, पाकिस्तान के खिलाफ मैच) अपने घुटने पर बैठकर अभियान (Black Lives Matter) को अपना समर्थन दिया था.
बंगलादेशी हिंदुओं के समर्थन में भारतीय खिलाड़ी बांधेंगे काली पट्टी ?
बंगालदेश सरकार के इस फैसले के बाद भारत में ये सवाल तेजी से उभर रहा है कि क्या एक बार फिर भारतीय खिलाड़ी जब बंग्लादेश के साथ क्रिकेट का टेस्ट सीरीज खेलेंगे तो काली बट्टी बांधेंगे ? अपना विरोध जतायेंगे.
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टेस्ट मैच खेलने बंग्लादेश की टीम आ रही है भारत
इसी महीने की 19 सितंबर से बंगालदेश की टीम भारतीय टीम के साथ क्रिकेट खेलने भारत आ रही है. ऐसे में ये मांग हो रही है कि भारतीय खिलाड़ी ठीक उसी तरह से बंगलादेश के खिलाफ भी विरोध जतायें जैसे अमेरिका में अश्वेत हत्या के बाद जताया था. मांग की जा रही है कि भारतीय खिलाडी भी बंग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ हाथ में काली पट्टी बांध कर खेले.