Friday, November 8, 2024

Baba Ramdev: दूसरा माफीनामा भी हुआ नामंजूर, कोर्ट ने कहा- बाबा और बालकृष्ण ने ‘जानबूझकर अवज्ञा’ की

दिल्ली :  बुधवार (10 अप्रैल) को सुप्रीम कोर्ट ने भ्रामक चिकित्सा विज्ञापनों के मामले में पतंजलि आयुर्वेद और उसके प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण और बाबा रामदेव Baba Ramdev के दूसरे बार दायर किए माफी के हलफनामे को खारिज कर दिया. कोर्ट ने कड़े शब्दों का इस्तेमाल कर की गई टिप्पणियों में कहा कि , “कागज पर माफी” केवल इसलिए जारी की गई क्योंकि उनकी “पीठ दीवार के खिलाफ है” यानी इनके पास कोई रास्ता नहीं बचा है.

Baba Ramdev अवमानना मामले में कार्रवाई का सामना करने को रहें तैयार

न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने पतंजलि और उसके एमडी द्वारा दायर नवीनतम हलफनामे को स्वीकार करने से इनकार करने के साथ ही पतंजलि के सह-संस्थापक बाबा रामदेव के दायर माफी हलफनामे को भी अस्वीकार कर दिया. कोर्ट ने दोनों को अवमानना कार्यवाही का सामना करने के लिए तैयार रहने को कहा. न्यायमूर्ति हिमा कोहली ने कहा, ” हम इसे स्वीकार करने से इनकार करते हैं, हम इसे वचन का जानबूझकर उल्लंघन मानते हैं.”

Baba Ramdev ने अदालत से पहले माफी नामा मीडिया को दिया -कोर्ट

अदालत ने इस बात पर भी नाराज़गी जताई कि माफीनामें को भी प्रचार के हिस्सा की तरह इस्तेमाल किया गया.
अदालत में वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी के बाबा रामदेव के हलफनामे को पढ़ने के बाद उन्होंने कोर्ट से कहा कि बाबा ने “बिना शर्त और अयोग्य” माफी मांगी है, इसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संदेश समाज में जाना चाहिए.
इसके साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि “अवमानना करने वालों” ने पहले हलफनामे को मीडिया को भेजे. अदालत ने कहा, “वे स्पष्ट रूप से प्रचार में विश्वास करते हैं.”  इस मामले में अगली सुनवाई अब 16 अप्रैल को होगी.

उत्तराखंड सरकार को भी पड़ी फटकार

इस बीच, अदालत ने दिव्य फार्मेसी के खिलाफ शिकायतों पर कार्रवाई में देरी करने के लिए “फाइल को आगे बढ़ाने” और 2018 से नींद में चले जाने के लिए उत्तराखंड के राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण के अधिकारियों की भी खिंचाई की.

बाबा रामदेव ने बुधवार को कोर्ट से क्या कहा?

अवमानना की कार्यवाही का सामना कर रहे बाबा रामदेव ने मंगलवार को कहा कि उन्हें अपनी गलती पर गहरा अफसोस है और वह आश्वस्त करना चाहते हैं कि भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति नहीं होगी.  उनके हलफनामे में कहा गया, “मैं बयान के उपरोक्त उल्लंघन के लिए माफी चाहता हूं. मैं हमेशा कानून की महिमा और न्याय की महिमा को बनाए रखने का वचन देता हूं.”  उन्होंने यह भी लिखा कि बीमारियों के इलाज का दावा करने वाला कोई भी विज्ञापन प्रकाशित नहीं किया जाएगा. बाबा रामदेव ने 22 नवंबर, 2023 को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए बिना शर्त और अयोग्य माफी मांगी.
आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करने का वचन देते हैं कि भविष्य में इस तरह के अपमानजनक विज्ञापन जारी नहीं किए जाएंगे और वह आगे और अधिक सतर्क रहेंगे.

क्या है पूरा मामला

आपको बता दें , 29 नवंबर 2023 को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की पतंजलि आयुर्वेद के विज्ञापनों पर आपत्ति जताने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाई थी. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्र की पीठ ने पतंजलि को कोरोना की वैक्सीन और दूसरी एलोपैथ दवाओं को लेकर भ्रामक बयान देने और पतंजलि की दवाओं को लेकर दावों और विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए पतंजलि को फटकार लगाई थी.

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