Wednesday, April 16, 2025

औरंगजेब की कब्र विवाद अब अंतरराष्ट्रीय बहस का हिस्सा

हैदराबाद। औरंगजेब की कब्र का मामला अब संयुक्त राष्ट्र तक पहुंच गया है। याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को एक पत्र लिखा। इसमें उन्होंने महाराष्ट्र के शंभाजी नगर में स्थित औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की।

कब्र की सुरक्षा की उठाई मांग
तुसी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव के कार्यालय से इस मामले का संज्ञान लेने को कहा। यह भी मांग की है कि केंद्र सरकार और एएसआई को निर्देश दिया जाए कि औरंगजेब की कब्र को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक पूर्ण कानूनी संरक्षण और सुरक्षा मिले।

पत्र में क्या हवाला दिया?
याकूब ने अपने पत्र में हवाला दिया कि औरंगजेब की कब्र को 'राष्ट्रीय महत्व का स्मारक' घोषित किया गया है। यह प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल एवं अवशेष अधिनियम- 1958 के तहत संरक्षित भी है। उक्त अधिनियम के प्रावधानों के मुताबिक संरक्षित स्मारक पर या उसके आसपास कोई भी अनाधिकृत निर्माण, बदलाव व उत्खनन नहीं किया जा सकता है। ऐसी कोई भी गतिविधि कानून के तहत अवैध और दंडनीय मानी जाएगी।

'गलत तरीके से पेश किए जा रहे ऐतिहासिक पहलू'
याकूब हबीबुद्दीन तुसी ने कब्र की सुरक्षा में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की मांग की। अपने पत्र में आगे लिखा कि फिल्मों, मीडिया आउटलेट्स और सोशल प्लेटफॉर्म के जरिए ऐतिहासिक पहलुओं को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। इसके माध्यम से जनता की भावनाओं से छेड़छाड़ की गई है। नतीजा यह हुआ कि अनुचित विरोध प्रदर्शन, नफरती अभियान और पुतले जलाने जैसी घटनाएं हुईं।

पत्र में यूनेस्को कन्वेंशन- 1972 का जिक्र
पत्र में याकूब ने विश्व सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक विरासत के संरक्षण से जुड़े यूनेस्को कन्वेंशन- 1972 का जिक्र भी किया। हवाला दिया कि भारत ने भी इस कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे स्मारकों के हटाने, उपेक्षा या गैरकानूनी बदलाव अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का उल्लंघन माना जाएगा।"

याकूब हबीबुद्दीन तुसी अंतिम मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर का वंशज होने का दावा करते हैं। उनका दावा है कि औरंगजेब की कब्र से जुड़ी वक्फ संपत्ति के वे मुतवल्ली भी हैं। बता दें कि पिछले कुछ समय से महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग उठ रही है।

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news