Tuesday, March 11, 2025

Arvind Kejriwal: दिल्ली विधानसभा का एक दिवसीय सत्र 17 अप्रैल को, जानिए इसके क्या है मायने

दिल्ली में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच चूहे बिल्ली की लड़ाई यानी टॉम एंड जैरी शो चल रहा है…..बीजेपी वार करती है आप जवाब देती है.. मामला विधायकों से शुरु हुआ फिर मंत्रियों को जेल भेजा गया और अब मुख्यमंत्री पर निशाना है.

सोमवार को दिल्ली विधानसभा का 1 दिन का विशेष सत्र

सोमवार यानी 17 अप्रैल को दिल्ली विधानसभा का 1 दिन का विशेष सत्र बुलाया गया है. यह विशेष सत्र दिल्ली सरकार ने सीएम अरविंद केजरीवाल को सीबीआई से समन मिलने के बाद बुलाया है. 16 अप्रैल यानी रविवार को अरविंद केजरीवाल सीबीआई के सामने पेश होंगे. आशंका ये ही जताई जा रही थी कि केजरीवाल की पेशी उनके जेल जाने कि प्रक्रिया की शुरुआत है. जानकार कह रहे है पहले सीबीआई पूछताछ करेगी फिर ईडी जांच करेगी और फिर मुख्यमंत्री जेल में होंगे. वैसे कुछ लोग कह रहे है इंतज़ार इतना लंबा नहीं होगा. सीबीआई पूछताछ के बाद ही केजरीवाल की गिरफ्तारी पक्की है. शायद आम आदमी पार्टी को भी यहीं लगता है कि सीबीआई पूछताछ के बाद ही गिरफ्तारी हो जाएगी इसलिए विधानसभा का सत्र बुला केजरीवाल को बचाने की तैयारी की गई है.

सत्र बुलाने के हैं दो मायने

सत्र दो मायनों में केजरीवाल की मदद करेगा एक सत्र होने के चलते सीबीआई के लिए गिरफ्तारी मुश्किल होगी अगर फिर भी गिरफ्तारी हो गई तो आप के विधायक और मंत्री विधानसभा से बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे. दूसरा अगर गिरफ्तारी नहीं हुई तो खुद अरविंद केजरीवाल दिल्ली विधानसभा को मंच बना पीएम मोदी को निशाने पर ले लेंगे. यानी चित भी मेरी पट भी मेरी.

केजरीवाल ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस

वैसे शुक्रवार को सीबीआई का नोटिस मिलने के बाद ही शनिवार सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अरविंद केजरिवार बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल चुकें है…..अपने चिर परचित अंदाज़ में केजरीवाल ने पहले तो एजेंसियों पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि एजेंसियां लोगों को मार-पीट कर उन्हें और उनकी पार्टी के नेताओं के खिलाफ बयान देने को मजबूर कर रही हैं. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि “लोगों को टार्चर किया जा रहा है. मारा पीटा जा रहा है. झूठे बयान देने के लिए मजबूर किया जा रहा है. एक चंदन रेड्डी हैं, जिन्हें इतना मारा गया कि इनके कान के पर्दे तक फट गए हैं. इन पर दबाव बनाया गया झूठा बयान दर्ज कराने के लिए. उन्होंने पूछा है कि आखिर ईडी की ओर से क्या दबाव डाला जा रहा है, क्या ईडी इसका जवाब देगी?”

मैं कहता हूँ कि मैंने 17 Sep, शाम 7 बजे नरेंद्र मोदी जी को ₹1000 Crore दिए

उसके बाद मुख्यमंत्री ने पीएम नरेंद्र मोदी पर तंज कसाते हुए कहा कि – आज मैं कहता हूँ कि मैंने 17 Sep, शाम 7 बजे नरेंद्र मोदी जी को ₹1000 Crore दिए हैं. अब कर लो उनको गिरफ़्तार. क्या इस आधार पर उन्हें गिरफ़्तार कर लोगे? ऐसे तो कोई भी खड़ा होकर कुछ भी कह देगा. कहां हैं सुबूत?
इसके साथ ही केजरीवाल ने दावा किया कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ भी झूठे आरोप लगाए जा रहे है…. “मनीष सिसोदिया पर आरोप है कि उन्होंने अपने 14 फोन तोड़ दिए। फिर ईडी कह रही है कि उसमें से 4 फोन उनके पास हैं और CBI कह रही है कि 1 फोन उनके पास है, अगर उन्होंने फोन तोड़े हैं तो उनके पास फोन कैसे आए. इन लोगों ने झूठ बोलकर केस बनाए और बोला कि शराब घोटाला हुआ है.”

केजरीवाल भ्रष्टाचारी हैं तो इस देश में अब कोई भी ईमानदार नहीं बचा
केजरीवाल ने ये भी कहा कि, “मैं फिर कहूंगा कि अगर केजरीवाल भ्रष्टाचारी हैं तो इस देश में अब कोई भी ईमानदार नहीं बचा. कल CBI ने मुझे बुलाया है. मैं जरूर जाऊंगा. अगर BJP ने CBI को गिरफ्तार करने का ऑर्डर दिया है तो फिर वो मुझे जरूर गिरफ्तार करेंगे.’
अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल ने मोदी के नीचे किसी को निभाने पर नहीं लिया उन्होंने कहा कि उनको और उनकी पार्टी को इसलिए निशाना बनाया जा रहा है कि बीजेपी 30 साल में जो गुजरात में नहीं कर पाई वो हमने दिल्ली में 5 साल में कर दिखाया, और अगर हम ऐसे ही काम करते रहे तो मोदी सरकार को भी जनकल्याण के काम करने होंगे. स्कूल बनाने होंगे.

केजरीवाल और प्रधानमंत्री मोदी में कुछ समानताएं भी है

यानी केजरीवाल ने साफ कर दिया की अगर उनपर सीधे वार होगा तो वो भी प्रधानमंत्री मोदी को ही निशाना बनायेंगे. केजरीवाल और प्रधानमंत्री मोदी में कुछ समानताएं भी है. दोनों अच्छे वक्ता है और दोनों में शो मैनशिप है. दोनों हर मुद्दे को इवेंट बनाना जानते है. जैसे सीबीआई के सामने अपनी पेशी को केजरीवाल पहले ही इवेंट में बदल चुकें है.

केजरीवाल से क्यों डरती है बीजेपी

शायद ये ही चीज़ है जिससे बीजेपी डरती है. इसलिए केजरीवाल के बयानों पर राहुल गांधी की तरह बीजेपी के नेता झुंड बनाकर हमला करने की बजाए उसे इग्नोर करने की कोशिश करते है. इसलिए उनके दिल्ली विधानसभा में दिए भाषण की बात हो जिसमें उन्होंने सीधे कहा था कि अडानी की कंपनी में 20 हज़ार करोड़ मोदी का है पर भी बीजेपी ने जवाब देना जरूरी नहीं समझा और शनिवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस को भी बीजेपी में अनसुना ही कर दिया.

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