Sunday, September 8, 2024

तेजस्वी यादव को कोर्ट से राहत, सोच के बोलने की हिदायत के साथ जमानत बरकरार

बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की CBI कोर्ट से राहत मिल गई है. सीबीआई के जमानत रद्द करने की अर्ज़ी के खिलाफ मंगलवार को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंचे तेजस्वी यादव को बड़ी राहत देते हुए कोर्ट ने उनकी बात मान ली है. कोर्ट ने जमानत बरकरार रखते हुए उन्हें आगे से सोच समझ के बयान देने की हिदायत भी दी. आपको बता दें CBI ने तेजस्वी पर अधिकारियों को धमकाने और जमानत शर्तों के उल्लंघन करने का आरोप लगाया था. तेजस्वी जमीन के बदले नौकरी मामले में 2018 से जमानत पर है.


कोर्ट में क्या-क्या हुआ?
सीबीआई ने स्पेशल कोर्ट में जमीन के बदले नौकरी मामले में अर्ज़ी दायर की थी कि बिहार के डिप्टी सीएम की जमानत रद्द कर दी जाए क्योंकि उन्होंने जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया है. इसी अर्जी के खिलाफ तेजस्वी ने सीबीआई में अपना जवाब दाखिल किया. अपने जवाब में तेजस्वी यादव ने कहा, “तेजस्वी ने जो इंटरव्यू में कहा उसका इस केस से कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा, सीबीआई बात यूके की कर रही और जा रही है जापान. सीबीआई बताये कि आईआरसीटीसी केस में मैंने किस शर्त का उल्लंघन किया. मैं लैंड फॉर जॉब स्कैम में आरोपी नहीं हूं.”
इसके अलावा तेजस्वी यादव के वकील ने कोर्ट में कहा कि, शर्त ये थी कि मैं (तेजस्वी यादव) गवाहों को प्रभावित नहीं करूंगा और सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करूंगा. उन्होंने कहा कि ये सीबीआई की पिक एंड चूज पॉलिसी है. सीबीआई बताए कि क्या मैंने ऐसा किया है?

क्या था सीबीआई का आरोप?
तेजस्वी यादव के खिलाफ सीबीआई की शिकायत ये थी कि उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा था कि “क्या सीबाआई वालों के परिवार नहीं होते? उनकी मां नहीं होती या उनकी बहन नहीं होती?” कोर्ट में सीबीआई उनके इस बयान को धमकी के तौर पर पेश किया. सीबीआई का आरोप था कि तेजस्वी यादव ने जांच अधिकारियों को धमकी दी. सीबीआई ने कहा जब हमारे अधिकारियों को धमकाया जा रही है तो आम लोगों का क्या होगा? कोर्ट में सीबीआई के वकील ने बिहार के डिपिटी सीएम के इस बयान को बार-बार पढ़ा और इसे जांच को प्रभावित करने वाला बताया.
इसके अलावा सीबीआई ने इसी साल अगस्त में अपने एक जांच अधिकारी की हत्या के प्रयास का मामला भी उठाया. सीबीआई ने कहा कि इस केस से जुड़े एक अधिकारी की कार को उत्तर प्रदेश में दो बार ट्रक से टक्कर मारी गई. हलांकि सीबीआई ने कहा कि इस मामले से तेजस्व यादव के जुड़े होने के उनके पास कोई सबूत नहीं हैं. सीबीआई ने कहा कि इसी लिए हमने कभी तेजस्वी को गिरफ्तार करने की कोशिश भी नहीं की. लेकिन जमानत रद्द करने की अपनी अपील दौहराते हुए सीबीआई ने कहा कि अगर वो जांच एजेंसी को धमकाते है तो उनकी जमानत कैंसल होनी चाहिए.
मैंने सीबीआई के अधिकारियों को धमकाया है तो FIR क्यों नहीं दर्ज की ?
सीबीआई के आरोपों के जवाब में तेजस्वी के वकील ने कड़ा रुख रखते हुए पूछा की अगर सीबीआई को लगता कि मैंने (तेजस्वी यादव) ने सीबीआई के अधिकारियों को धमकाया है तो CBI ने अबतक इस मामले में FIR क्यों नहीं दर्ज नहीं की?

तेजस्वी ने कब दी थी कथित धमकी?
असल में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने गुड़गांव के एक मॉल में हुई छापेमारी में उनका नाम आने पर ये प्रेस कांफ्रेंस की थी. आपको याद दिला दें गुड़गांव में हन रहे एक मॉल पर सीबीआई की छापेमारी के दौरान मीडिया में ये खबर आई थी कि इस मॉल में तेजस्वी यादव का पैसा लगा है. इस बात का खंडन करने के लिए तेजस्वी यादव ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर कहा था कि “इस बन रहा मॉल से मेरा कोई लेना देना नहीं है. जिस कंपनी का मॉल है वो पीएम मोदी के समय 2021 में बना है, जिसकी लिस्ट में हरियाणा के डायरेक्टर हैं. इस मॉल का उद्घाटन करते हुए बीजेपी कार्यकर्ता का वीडियो है. ये बीजेपी के नेता का है. लेकिन एक शब्द उनके, बीजेपी के खिलाफ नहीं है. लेकिन सीबीआई नैरेतिव बनाती है कि इस मॉल में तेजस्वी की हिस्सेदारी है.”

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