पाकिस्तान में आम चुनाव कराए जाने की मांग को लेकर इमरान खान शुक्रवार से ‘हकीकी आज़ादी’ मार्च निकालने जा रहे हैं. इमरान का मकसद है सरकार पर दबाव बनाकर नेशनल असेंबली को भंग करवाना और देश में मध्यावधि चुनाव करवाना. इमरान खान का ये हकीकी आज़ादी मार्च लाहौर के लिबर्टी चौक से शुरू होकर इस्लामाबाद तक जाएगा.
इमरान खान के मार्च से हज़ारों लोगों के जुड़ने की बात कही जा रही है. जिसके चलते सरकार ने मार्च के ठीक पहले पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में भारी संख्या में फौज की तैनाती कर दी है. जानकारों का कहना है कि फिलहाल पाकिस्तान में गृह युद्ध जैसे हालात पैदा हो गए हैं. सूत्रों के हवाले से ख़बर है कि सरकार जरूरत पड़ने पर इमरान खान को गिरफ्तार भी कर सकती है. जानकारों का मानना है कि इमरान के हकीकी आज़ादी मार्च से पाकिस्तानी सेना और आईएसआई भी खुश नहीं है.
इमरान ने कानून नहीं तोड़ने का दिलाया भरोसा
वहीं इमरान खान ने अपने हकीकी मार्च से पहले कहा है कि वो किसी भी हिंसा के लिए इस्लामाबाद नहीं जा रहे हैं. इमरान ने कहा वह उच्च सुरक्षा क्षेत्र ‘रेड जोन’ में दाखिल नहीं होंगे और न ही कोई कानून तोड़ेंगे. इमरान ने कहा वो सिर्फ इस्लामाबाद में उस जगह विरोध प्रदर्शन करेंगे, जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने विरोध-प्रदर्शनों के लिए तय किया है.
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके समर्थक भी मार्च के दौरान शांतिपूर्ण व्यवहार करेंगे. हलांकि इमरान खान ने अपने हकीकी आज़ादी की कोई समय सीमा तय नहीं की है. इमरान खान ने अपने मार्च को राजनीति से परे आज़ादी के लिए मार्च बताया. इमरान ने कहा कि ये मार्च हम सब पर थोपा गया है. ये मार्च तय करेगा कि आगे देश किस दिशा में जाएगा. ये चोरों के खिलाफ आज़ादी का मार्च है.
चुनाव आयोग ने किया है इमरान को अयोग्य घोषित
आपको बता दें तोशा खाने मामले में चुनाव आयोग ने इमरान खान को दोषी मानते हुए उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया है. इमरान फिलहाल संसद के सदस्य नहीं हैं. उनपर कई दूसरे मुकदमे भी चल रहे हैं. जिसमें वो कभी भी गिरफ्तार किए जा सकते हैं.