अररिया – गोपालगंज डीएम जी कृष्णैया की हत्या के दोषी आनंद मोहन (Anand Mohan) ने जेल से बाहर आने के बाद पहली बार फारबिसगंज में जनसभा को संबोधित किया. जनसभा में आनंद मोहन सिंह (Anand Mohan) के साथ उनकी पत्नी औऱ पूर्व सांसद लवली आनंद मौजूद रही.
जेल से छूटने के बाद जनसभा में गरजे आनंद मोहन
जनसभा के दौरान आनंद मोहन सिंह (Anand Mohan) ने कहा कि यह देश किसी के बाप का नहीं है. सबों की खून से सींचा गया ये चमन भारत है. हिंदुस्तान सभी जाति धर्म से मिलकर बना है, और यहां सभी संविधान को मानने वाले है. बाहुबली से नेता बने आनंद मोहन (Anand Mohan) ने कहा कि अगर सरकार हमें दोषी समझती है तो हमें फांसी पर चढ़ा दे, मैं उसके लिए हंसते-हंसते तैयार हूं. मेरा विश्वास कानून पर है.
हमने 15 साल भय में गुजारा – लवली आनंद,पूर्व आरजेडी सांसद
जनसभा में आनंद मोहन की पत्नी और पूर्व सांसद लवली आनंद ने भी भाषण दिया. लवली आनंद ने कहा कि हमने 15 साल बिना ‘उनके’ गुजारा है. किस भय के माहौल में हमारे बच्चे जिये हैं इसको बताना संभव नहीं है.
आनंद मोहन ने किया वीर कुंवर सिंह की प्रतीमा का अनावरण
दरअसल आज फारबिसगंज में देश के अमर स्वतंत्रता सैनानी बाबू वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा का अनावरण समारोह किया गया. इस समारोह में आनंद मोहन सिंह (Anand Mohan) और उनके साथ मौजूद उनकी पत्नी लवली (Lavli Anand)आनंद मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थी.
सरकार दोषी समझे तो दे दे फांसी – आनंद मोहन
प्रतिमा अनावरण के बाद आनंद मोहन ने खुले मंच से लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं कानून पर विश्वास करता हूं और मुझे इस बात का कोई गम नहीं है की 15 साल जेल में बिताया हूं. अगर मेरे बारे में जानना चाहते हैं तो नवीन पटनायक से पूछिए जॉर्ज फर्नांडिस से पूछिए मैं क्या चीज हूं. मैं हमेशा से सिद्धांत की लड़ाई लड़ने वाला व्यक्ति हूं. उन्होंने कहा कि लवली आनंद संसद में चिल्ला चिल्ला कर कहती रही कि इस मामले की जांच सीबीआई से कराएं अगर मेरे पति दोषी है तो उन्हें फांसी की सजा दे दें.
जेल से छूटने के बाद आनंद मोहन सिंह फारबिसगंज शहर के फैंसी मार्केट में स्थापित बाबू वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा का अनावरण समारोह में पहली बार शामिल हुए. अनावरण समारोह में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष , विधानसभा परिषद सदस्य, बिहार आपदा मंत्री शाहनवाज आलम, स्थानीय सांसद प्रदीप कुमार सिंह, फारबिसगंज विधायक विद्यासागर उर्फ मंचन केशरी, नरपतगंज विधायक जयप्रकाश यादव आदि मौजूद थे.
गोपालगंज डीएम जी कृष्णैया की हत्या के बाद मिली थी फांसी की सजा
आपको बता दें कि गोपालगंज के जिलाधिकारी जी कृष्णैया की उस समय गाड़ी से उतार कर और पीट पीट कर हत्या कर दी गई थी, जब वो एक सरकारी मिटिंग में हिस्सा लेकर लौट रहे थे. उन्हें एक भीड़ ने क्रूरता से पीट पीट कर मार डाला था. उस भीड़ का नेतृत्व आनंद मोहन कर रहे थे. अदालत ने आनंद मोहन को डीएम की हत्या के लिए दोषी ठहराया था और फांसी की सजा दी थी. फांसी की सजा को बाद में उम्रकैद में तब्दील कर दिया गया.
आनंद मोहन को लेकर विवाद तब शुरु हुआ है जब हाल ही में नीतीश कुमार सरकार ने जेल मैनुअल में बदलाव करते हुए आनंद मोहन की सजा को खत्म करने का ऐलान कर दिया और अच्छे आचरण का हवाला देते हुए जेल से रिहा कर दिया . वहीं अपने पति के हत्यारे की रिहाई को खिलाफ स्वर्गीय डीएम जी कृष्णैया की पत्नी उमा ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की है और रिहाई रद्द करने की मांग की है.