Amit Shah On Naxal : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ा दावा किया है. गृहमंत्रालय से आ रही जानकारी के मुताबिक सरकार नक्सलवाद का सफाया कर रही है. इसकी वजह से नक्सली तेजी से सिमटते जा रहे हैं. देश में अब नक्सलवाद प्रभावित जिलों की संख्या सिर्फ 6 रह गई है. पहले नक्सली 12 जिलों में सक्रिय थे. बीते कुछ महीनों से सरकार और सुरक्षा बलों ने जिस तरह अभियान को तेज किया है, उससे नक्सल प्रभावित इलाकों में राहत मिली है.
Amit Shah On Naxal : 31 मार्च 2026 तक देश होगा नक्सलवाद मुक्त
अमित शाह ने अपने संकल्प को फिर दोहराया. शाह ने कहा कि 31 मार्च 2026 तक भारत नक्सलवाद मुक्त देश बन जाएगा. मोदी सरकार देश को सशक्त, समृद्ध और सुरक्षित देश बनाने की दिशा में काम कर रही है. भारत विकास के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहा है. उन्हें उम्मीद है कि तय समय सीमा में नक्सलियों का सफाया कर दिया जाएगा. भारत सरकार नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध है.
सरकार ने हासिल की बड़ी उपलब्धि
शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि नक्सल मुक्त भारत के निर्माण में सरकार ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है. वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों की संख्या 12 से घटकर 6 रह गई है. यह राहत की बात है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आंकड़े भी जारी किए हैं, जिनके अनुसार वामपंथी उग्रवाद (LWE) प्रभावित जिलों का ब्योरा दिया गया है. इन जिलों में नक्सली गतिविधियां एवं हिंसा अब भी जारी है.
10 साल में 29 जिले नक्सल मुक्त
इन जिलों को ‘सबसे अधिक प्रभावित जिले’ के तौर पर चिह्नित किया गया है. इस शब्दावली को 2015 में प्रयोग में लाया गया था. इसके अलावा एक उपवर्ग ‘चिंताजनक जिले’ की श्रेणी के तौर पर वर्गीकृत किया गया है. यह उप श्रेणी 2021 में बनाई गई थी. पिछली बार गृह मंत्रालय की समीक्षा में 12 जिलों का ब्योरा दिया गया था, जो नक्सल प्रभावित थे. रिकॉर्ड के अनुसार 2015 में 35 जिलों में नक्सली सक्रिय थे.
2018 में संख्या घटकर 30 जिले रह गई. 2021 में सरकार ने आंकड़े जारी किए थे, जिनमें बताया गया था कि नक्सली सिर्फ 25 जिलों में सक्रिय हैं. अब आंकड़ा तेजी से कम हो रहा है. 10 साल में 29 जिलों से नक्सलियों का सफाया किया जा चुका है. अब नक्सली सिर्फ 6 ही जिलों में सक्रिय हैं.