केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज तिरुवनंतपुरम में 30वीं दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद की बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में आज कुल 26 मुद्दों पर चर्चा हुई, जिनमें 9 का समाधान किया गया जबकि 17 मामलों को आगे विचार के लिए रखा गया. आगे विचार के लिए रखे गए 17 मुद्दों में से नौ आंध्र प्रदेश के पुनर्गठन से जुड़े हैं. इस बैठक में केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों, पुड्डुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल, लक्षद्वीप के प्रशासक, दक्षिणी क्षेत्र के राज्यों के मुख्य सचिव, केंद्रीय गृह सचिव, सचिव, अंतर राज्ययीय परिषद सचिवालय और राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.
बैठक के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से लंबित मुद्दों को पारस्परिक रूप से हल करने का आग्रह किया. गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री का दक्षिण भारत से खास लगाव है, इसी कारण 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद पीएम नरेन्द्र मोदी ने तटीय राज्यों के विकास के लिए सागरमाला परियोजना के साथ-साथ प्रमुख बंदरगाहों के अपग्रेडेशन के लिए विभिन्न योजनाएँ शुरू की.2014 से पहले क्षेत्रीय परिषदों की एक साल में औसतन दो बैठकें होती थी, इसे हम बढ़ाकर 2.7 पर ले आये हैं, स्थायी समिति की औसतन 1.4 बैठकें होती थी, इसे भी हमने 2.75 तक बढ़ाकर लगभग दो गुना कर दिया है.
गृहमंत्री ने बैठक में बताया कि तटीय राज्यों के लिए 76 हजार करोड़ रुपये की 108 परियोजनाएँ पूरी हो चुकी हैं जबकि 1,32,000 करोड़ रुपये की 98 परियोजनाएँ निर्माणाधीन, कुल 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं पर सागरमाला के तहत काम हो रहा है.
इस बैठक में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये…
*तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में बंदरगाह और मत्स्य पालन के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 2711 करोड़ रुपये की लागत से 56 परियोजनाओं को मंजूरी.2015 से दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, पुड्डुचेरी, तमिलनाडु और तेलंगाना राज्यों में फिशरीज इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फण्ड स्कीम के लिए 4206 करोड़ रुपये मंजूर किये गये .
*12 लाख से अधिक मछुआरों को QR-Enabled पीवीसी आधार कार्ड दिये जा चुके हैं, इससे ना केवल तटीय राज्यों के मछुआरों की पहचान सरल होगी बल्कि हमारी समुद्री सुरक्षा भी मजबूत होगी.
*फॉरेंसिक साइंस लैब के लिए नीति बनाकर राज्यों को भेजी जा चुकी है, इससे अभियोजन दर यानि Conviction Ratio में वृद्धि होगी.
*हर पाँच किलोमीटर में बैंक शाखा खोलने के मोदी सरकार के लक्ष्य को पूरा करने के लिए दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद् के सदस्य राज्य अपने-अपने क्षेत्र में हर गाँव के पाँच किलोमीटर की सीमा के अंदर बैंकिंग सुविधाएँ उपलब्ध करवाने के प्रयास करें और सहकारी बैंकों को शाखाएं खोलने के लिए राजी करें.