समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि देश में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ लागू करने से पहले बीजेपी सरकार को इस बार लोकसभा चुनाव के साथ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव कराकर एक प्रयोग करना चाहिए.
केंद्र ने लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने की व्यवहार्यता तलाशने के लिए शुक्रवार को पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया.
उत्तर प्रदेश में अगला चुनाव 2027 में होना है.
‘एक्स’ पर किए अपने ट्वीट में यादव ने लिखा, ”हर बड़े काम को करने से पहले एक प्रयोग किया जाता है, इसी बात के आधार पर हम ये सलाह दे रहे हैं कि ‘एक देश-एक चुनाव’ करवाने से पहले भाजपा सरकार, इस बार लोक सभा के साथ-साथ देश के सबसे अधिक लोकसभा व विधानसभा सीटोंवाले राज्य उत्तर प्रदेश के लोकसभा-विधानसभा के चुनाव साथ कराके देख ले. इससे एक तरफ़ चुनाव आयोग की क्षमता का भी परिणाम सामने आ जाएगा और जनमत का भी, साथ ही भाजपा को ये भी पता चल जाएगा कि जनता किस तरह भाजपा के ख़िलाफ़ आक्रोशित है और उसको सत्ता से हटाने के लिए कितनी उतावली है. ‘
हर बड़े काम को करने से पहले एक प्रयोग किया जाता है, इसी बात के आधार पर हम ये सलाह दे रहे हैं कि ‘एक देश-एक चुनाव’ करवाने से पहले भाजपा सरकार, इस बार लोक सभा के साथ-साथ देश के सबसे अधिक लोकसभा व विधानसभा सीटोंवाले राज्य उत्तर प्रदेश के लोकसभा-विधानसभा के चुनाव साथ कराके देख ले।…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 2, 2023
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ मॉडल का समर्थन किया है
बात अगर मुख्यमंत्री की करें तो योगी आदित्यनाथ ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ मॉडल का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि “वन नेशन वन इलेक्शन एक अभिनंदनीय प्रयास है. हमें ये जानकर प्रसन्नता है कि वन नेशन वन इलेक्शन के लिए जो कमेटी बनी है उसके अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को बनाया गया है. इस अभिनव पहल के लिए मैं उत्तर प्रदेश की जनता की ओर से प्रधानमंत्री जी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं. ये आज की आवश्यकता है. बार-बार चुनाव विकास कार्यों में बाधा पैदा करती है. चुनाव की प्रक्रिया को कम से कम 1.5 महीने का समय लगता है. इसके लिए आवश्यक है कि लोकसभा विधानसभा और अन्य सभी प्रकार के चुनावों का हम एक साथ आयोजन करें.”
लोकसभा चुनावों में यूपी का महत्व है बहुत ज्यादा
उत्तर प्रदेश में 80 लोकसभा और 403 विधानसभा सीटें हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 62 सीटें जीतीं, जबकि एसपी सिर्फ पांच सीटें जीत सकी. पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 255 सीटें जीती थीं जबकि एसपी ने 111 सीटों पर जीत हासिल की थी.
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