Thursday, February 6, 2025

बंगाल, बिहार के बाद UP की बारी ,कांग्रेस ने Akhilesh Yadav के प्रस्ताव को ठुकराया तो लग सकता है गठबंधन को झटका

लखनऊ :राजनीति में अखिलेश यादव Akhilesh Yadav ने इस समय कांग्रेस को चौंका दिया है. विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A के तहत पिछले दिनों सहयोगी दलों के साथ गठबंधन पर खूब चर्चा हुई. बात नहीं बन पाई. एक तरफ ममता बनर्जी बंगाल में I.N.D.I.A के पक्ष में नहीं दिख रही हैं. दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी पंजाब हरियाणा दिल्ली को लेकर तेवर दिखा रही हैं. I.N.D.I.A को आकार देने वाली नीतीश कुमार अब गठबंधन से अलग हो चुके हैं.

Akhilesh Yadav ने कांग्रेस की लाइन तय की

शनिवार को अखिलेश ने यूपी में कांग्रेस की लाइन तय कर दी है. अब पार्टी या तो उस लाइन के दायरे में रहेगी या फिर उनके पास बे-गठबंधन का एक विकल्प बचेगा.ऐसे में पार्टी की चुनौती और ज्यादा बढ़ सकती है. अखिलेश के एक्शन को मौके पर चौके के तौर पर देखा जा रहा है. अखिलेश यादव के लिए अभी स्थिति अनुकूल बनी हुई थी.कांग्रेस को एक तरफ से ममता बनर्जी ने झटका दिया तो दूसरी तरफ से अरविंद केजरीवाल अपनी अलग राजनीति करते दिख रहे हैं.वहीं I.N.D.I.A गठबंधन की नींव रखने वाले नीतीश कुमार अलग हो चुके हैं. इस परिस्थिति में कांग्रेस पश्चिम बंगाल बिहार, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में अकेली पड़ती दिख रही है.

अखिलेश यादव ने कांग्रेस को दिया 11 सीटों का ऑफर

उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में पार्टी किसी भी स्थिति में अपनी स्थिति कमजोर नहीं होने देना चाहेगी.अखिलेश यादव भी यह समझ रहे थे.ऐसे में उन्होंने कांग्रेस के लिए सीटों की घोषणा कर अपनी मंशा साफ कर दी है.पिछले दिनों अखिलेश लगातार I.N.D.I.A की बैठक में पहले यूपी में सीट बंटवारे की बात कर रहे थे लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई.अब उन्होंने अपनी सुना दी है.कांग्रेस को यह मंजूर होता है या नहीं, यह देखने वाली बात होगी.कांग्रेस अगर अखिलेश यादव के 11 सीटों के ऑफर के विकल्प को ठुकराती है तो उनके सामने ऑप्शन अधिक नहीं दिख रहे हैं. लोकसभा चुनाव 2024 में अब अधिक वक्त नहीं रह गया है. यूपी जैसे राज्य में पार्टी ने प्रदेश स्तर पर कोई अभियान शुरू नहीं किया है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी से मुकाबले के लिए कांग्रेस को एक मजबूत साथी चाहिए,अगर सीटों के मसले पर सपा से कांग्रेस की बात नहीं बनी तो पार्टी बसपा का रुख कर सकती है.

गठबंधन करना कांग्रेस के लिए मजबूरी

मायावती की टीम के साथ पिछले दिनों प्रियंका गांधी की टीम के संपर्क में रहने की बात सामने आई थी, हालांकि, कांग्रेस की ओर से सपा से ही गठबंधन की बात कही गई,लेकिन, सपा की ओर से सीट के मसले पर साफ किए जाने के बाद कांग्रेस क्या गठबंधन बदलेगी?उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए स्थिति अनुकूल होती नहीं दिख रही हैं.कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी समस्या निचले स्तर पर गठबंधन को मजबूत करने की है.पार्टी के वोट बैंक को मजबूत बनाने के लिए बड़े प्रयास की जरूरत है.पार्टी अंदरूनी कलह में फंसी हुई दिखती है ऐसी स्थिति में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए उत्तर प्रदेश में किसी बड़े दल के साथ गठबंधन करना कांग्रेस के लिए मजबूरी बन गया है.विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A के जरिए कांग्रेस समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतर सकती है.यूपी 2022 में समाजवादी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी को तगड़ी टक्कर दी थी.

 

 

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