UP BJP: 2024 लोकसभा चुनावों के नतीजों का असर सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में देखने को मिल रहा है. मोदी की विरासत के वारिस कहें जाने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पकड़ पार्टी पर ढीली होती नज़र आ रही है. दो दिन में सोशल मीडिया पर दो ऐसे वीडियो सामने आए है जिसमें बीजेपी के ही नेता पार्टी के राज में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए ये कह रहे है कि अगर आज की स्थिति में चुनाव हो जाए तो बीजेपी यूपी हार जाएगी. इससे पहले शुक्रवार को भी एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें यूपी सरकार के एक पूर्व मंत्री प्रदेश में फैले भ्रष्टाचार को लेकर अपनी ही सरकार पर निशाना साधते नज़र आ रहे थे.
हम 2027 में हमारी सरकार बनने की स्थिति नहीं है-बीजेपी विधायक
शनिवार को जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है वो है बीजेपी के बदलापुर जौनपुर के विधायक रमेश मिश्रा का, जो पार्टी के भीतर मचे घमासान पर धमाकेदार खुलासा करते हुए केंद्रीय नेतृत्व से दखल देने और बड़ा निर्णय करने की खुली मांग कर रहे है. बीजेपी से दूसरी बार विधायक चुनकर आए रमेश मिश्रा ने खुद अपना वीडियो बनवाकर जारी कर कहा है कि, “… आज की जो स्थिति है हमारी (बीजेपी) सरकार की स्थिति बहुत ही खराब है…2027 में हमारी सरकार बनने की स्थिति नहीं है..”
UP BJP: अखिलेश यादव ने रमेश मिश्रा का वीडियो किया शेयर
वहीं बीजेपी में मचे घमासन पर समाजवादी पार्टी गदगद है. एसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी विधायक रमेश मिश्रा का वीडियो एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “समाजवादी पार्टी की ‘PDA’ की नीति: – आम जनता को उसका हक़ दिलवानेवाली – आम जनता का कल्याण करनेवाली – शोषण-उत्पीड़न से आम जनता की रक्षा करनेवाली – संविधान-आरक्षण को बचानेवाली – पिछड़े-दलितों-अल्पसंख्यकों-आदिवासियों-आधी आबादी और अगड़ों में भी उत्पीड़ितों को प्रभुत्ववादियों के अत्याचार से बचानेवाली – किसान, मज़दूर, महिला, युवा, कारोबारी, नौकरीपेशा, दुकानदारों और बाक़ी सबका भी ख़्याल रखनेवाली – समाज के हर वर्ग और तबके को जोड़नेवाली – सामुदायिक राजनीति का नया युग शुरू करनेवाली – सामाजिक सौहार्द, एकता, भाईचारे को एक सूत्र करनेवाली – सकारात्मक राजनीति का नया इतिहास लिखनेवाली नीति है. भाजपा की आम जनता का शोषण करनेवाली, समाज को तोड़नेवाली नकारात्मक राजनीति के पास पीडीए की POSITIVE POLITICS का कोई जवाब नहीं है. इसीलिए भाजपा के अपने ही लोगों में हड़बड़ाहट है. PDA ही भाजपा के अंदर-बाहर भगदड़ का कारण बन रहा है. भाजपा के तथाकथित सहयोगी भी या तो किसी बहाने से भाजपा से बाहर आना चाहते हैं या वैचारिक दूरी दिखाना चाहते हैं. कोई चिट्ठी को माध्यम बना रहा है, कोई अपनी नाराज़गी भरे बयान को और कोई अंदरूनी जनप्रतिनिधि ऐसे किसी वीडियो को. भाजपाई खेमे की चिंता सिर्फ़ यूपी के 2027 के चुनाव हारने की ही नहीं है, बल्कि भविष्य का हर चुनाव हारने की है. PDA एक नव जागरण है. आज की जागरूक जनता में जो नयी सामाजिक-आर्थिक चेतना आ गयी है, उसी का नाम ‘पीडीए’ है. PDA वर्तमान के पटल पर सामाजिक अखंडता के नये भविष्य का उद्घोष है.”
समाजवादी पार्टी की ‘PDA’ की नीति:
– आम जनता को उसका हक़ दिलवानेवाली
– आम जनता का कल्याण करनेवाली
– शोषण-उत्पीड़न से आम जनता की रक्षा करनेवाली
– संविधान-आरक्षण को बचानेवाली
– पिछड़े-दलितों-अल्पसंख्यकों-आदिवासियों-आधी आबादी और अगड़ों में भी उत्पीड़ितों को प्रभुत्ववादियों… pic.twitter.com/dTVzMDpk3t— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 13, 2024
शुक्रवार को योगी के करीबी नेता का वीडियो हुआ था वायरल
शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार में ताकतवर There is panic in UP BJP, Badlapur Jaunpur MLA Ramesh Mishra, ex-minister Rajendra Pratap Singh, Yogi Adityanathउर्फ मोती सिंह का वीडियो वायरल हुआ था. इस वीडियो में योगी आदित्यनाथ के करीबी कहे जाने वाले पूर्व मंत्री पट्टी विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सम्मान समारोह में सरकार की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाते नज़र आए थे.
इस वीडियो को भी समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शेयर कर लिखा था, “भाजपा राज में ‘तहसील और थाने के अभूतपूर्व रिकॉर्ड तोड़ भ्रष्टाचार’ पर भाजपा के लोग ही जब प्रमाणपत्र बाँट रहे हैं तो क्या इस अकल्पनीय ‘भाजपाई भ्रष्टाचार’ पर कार्रवाई करने के लिए और कुछ सबूत चाहिए? अब देखते हैं बुलडोज़र किस ओर मुड़ता है.”
भाजपा राज में ‘तहसील और थाने के अभूतपूर्व रिकॉर्ड तोड़ भ्रष्टाचार’ पर भाजपा के लोग ही जब प्रमाणपत्र बाँट रहे हैं तो क्या इस अकल्पनीय ‘भाजपाई भ्रष्टाचार’ पर कार्रवाई करने के लिए और कुछ सबूत चाहिए?
अब देखते हैं बुलडोज़र किस ओर मुड़ता है। pic.twitter.com/CIPGHIrQOC
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 12, 2024
दरअसल 2024 लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा उलट फेर कर दिया. जहां प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ राम राज्य का दावा कर दिल्ली में प्रधानमंत्री की कुर्सी के सबसे प्रबल दावेदार बने हुए थे वहां संसद की 37 सीट जीत समाजवादी पार्टी ने उनके कद को छोटा कर दिया. दिल्ली की दावेदारी तो अब दूर की बात हो गई, योगी के लिए प्रदेश में ही चुनौतियां खड़ी होने लगी है. उसपर उनके गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री से अच्छे रिश्ते नहीं होने की चर्चा पार्टी में फैले असंतोष को आवाज़ देने में मददगार साबित हो रही है.
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