नई दिल्ली: Air Pollution उत्तर भारत के लोग दमघोंटू हवा के बीच रहने को मजबूर हैं. दिल्ली-एनसीआर इस वक्त गैस चैंबर बना हुआ है. इस स्थिति के लिए किसानों द्वारा पराली जलाए जाने से लेकर वाहनों के प्रदूषण व फैक्ट्रियों से निकल रहे प्रदूषण को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. दिल्ली सहित पूरे एनसीआर में स्कूलों को अगले कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया गया है. दिल्ली में जल्द ही ऑड ईवन स्कीम के तहत यातायात को संचालित करने की तैयारी की जा रही है. इसी बीच नासा की तरफ से सेटेलाइट तस्वीर जारी कर यह जानकारी दी गई है कि केवल उत्तर भारत ही नहीं बल्कि बंगाल की खाड़ी तक यह प्रदूषण फैला हुआ है.
Air Pollution “लोगों के स्वास्थ्य की हत्या” का है कारण
मौसम विभाग के मुताबिक 13 नवंबर तक दिल्ली में सुबह धुंध छाई रह सकती है. विशेषज्ञ दिल्ली में प्रदूषण के लिए वाहनों को एक बड़ा कारण मान रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सरकारों से कहा है कि वे केंद्र के साथ तत्काल चर्चा करें कि खेतों में आग कैसे रोकी जाए. अदालत ने कहा है कि वह इसे राजनीतिक लड़ाई नहीं बनने दे सकती. सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि दमघोंटू वायु गुणवत्ता “लोगों के स्वास्थ्य की हत्या” के लिए जिम्मेदार है.
Artificial Rain की ली जाएगी मदद
प्रदूषण लोगों के स्वास्थ्य को कई तरह से नुकसान पहुंचा रहा है.जहरीली हवा के मुद्दे को लेकर IIT कानपुर के शोधकर्ताओं ने कृत्रिम बारिश की सलाह दी है.लेकिन जानकारों के अनुसार कृत्रिम वर्षा दिल्लीवासियों को प्रदूषण से बचाते हुए, अच्छी गुणवत्ता वाली हवा प्रदान करने का एक अस्थाई विकल्प है, लेकिन इससे लगभग एक हफ्ते तक लोगों को ज़हरीली हवा से निजात मिल सकती है.