Friday, November 22, 2024

AFZAL ANSARI: BSP MP अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता रद्द,हत्या अपहरण मामले में सजा के बाद गई सदस्यता

दिल्ली

बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) की संसद सदस्यता रद्द हो गई है. बहुचर्चित कृष्‍णानंद राय हत्‍याकांड में एमपी एमएलए कोर्ट द्वारा 4 साल की सजा सुनाये जाने के बाद अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) की सदस्यता समाप्त करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है.लोकसभा सचिवालय ने नोटिस जारी करते हुए कहा है कि अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) की संसद सदस्यता 29 अप्रैल 2023 से रद्द ही रद्द मानी जायेगी.

कृष्णानंद राय हत्याकांड में सजा के ऐलान के बाद गई संसद सदस्यता

आपको बता दें कि 29 नवंबर 2005 को हुई कृष्‍णानंद राय हत्‍याकांड में 16 साल के बाद शनिवार को अफजाल अंसारी(Afzal Ansari)  और उसके गैगस्टर भाई मुख्तार अंसारी को एमपी एमएलए कोर्ट ने सजा सुनाई थी. मुख्तार अंंसारी को 10 साल और अफजाल  अंसारी को  4 साल की सजा सुनाई गई .  दोनों माफिया भाइयों के गैंगस्टर एक्ट के तहत सजा सुनाई गई है.

गाजीपुर लोकसभा सीट पर जल्द होंगे चुनाव

अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से बीएसपी के सासंद थे. अंसारी की सदस्यता  जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 के रद्द की  गई है. अफजाल अंंसारी की सदस्यता जाने के बाद  गाजीपुर लोक सभा सीट खाली हो गई है. जल्द ही यहां पर चुनाव का ऐलान हो सकता है.

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BSP MP Afzal Ansari canceled after conviction, loksabha notice

अफजाल अंसारी का राजनीतिक जीवन

माफिया टर्न राजनेता बने अफजाल अंसारी का राजनीतिक जीवन उथल पुथल भरा रहा. अफजाल अंसारी के अबतक के राजनीतिक जीवन में  वे 6 बार विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक और 2 बार लोकसभा चुनाव जीतकर सासंद बने. अफजाल अंसारी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत अपने गृहजिले गाजीपुर से ही की. अफजाल ने राजनीतिक जीवन की शुरुआत भारतीय कम्युनिष्ठ पार्टी ( CPI) के सरयू पांडेय के निर्देशन में की थी. वामपंथी विचारधारा से राजनीतिक जीवन के शुरुआत करने वाले अफजाल अंसारी समय के साथ वामपंथ डगर छोड़कर सुश्री मायावती की बहुजन समाजपार्टी (BSP) में शामिल हुए और फिर लगातार विधायक और सांसद बने रहे.

अफजाल अंसारी ने कम्युनिस्ट पार्टी के बाद समाजावादी पार्टी का रुख किया और फिर सपा होते हुए बसपा (BSP) में पहुंचे .पहली बार 1985 में अफजाल अंसारी CPI के टिकट पर मुहम्मदाबाद से विधानसभा चुनाव लड़े और जीते. 1985 से 6 बार विधानसभा चुनाव जीते. वहीं दो बार गाजीपुर से ही लोकसभा का चुनाव जीत कर सासंद बने.

अफजाल अंसारी 2004 में लोकसभा चुनाव लड़े और बीजेपी के खिलाफ जीत दर्ज की. 2009 और 2014 में चुनाव हार गये वहीं 2019 में बीजेपी के मनोज सिन्हा को हराकर एक बार फिर से सासंद बन गये.

विधायक सांसद बनने के बाद भी पहचाना माफिया डॉन की ही रही

गाजीपुर क्षेत्र में अंसारी भाइयों की पहचान एक माफिया के तौर पर ही स्थापित थी लेकिन इसे और दागदार बनाया 2005 के बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्याकांड ने. कृष्णानंद राय पर पांच सौ राउंड फायरिंग कराने वाले अंसारी ब्रदर्स आखिरकार कानून के शिकंजे में आये और अब जेल की सजा काटेंगे.

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