Sunday, September 8, 2024

केंद्रीय मंत्री हरदीप पूरी के ट्विट पर गृह मंत्रालय का स्पष्टीकरण, नहीं दिए जाएंगे रोहिंग्याओं को दिल्ली में घर

सुबह तक जो केंद्र सरकार के लिए फक्र की बात थी शाम होने तक वह शर्म में बदल गई. चंद घंटों में रोहिंग्या सरकार के लिए शरणार्थी से अवैध प्रवासी हो गए. फज़ीहत ऐसी हुई की गृह मंत्रालय को इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण देना पड़ा.
असल में मामले की शुरुआत हुई केंद्रीय मंत्री हरदीप पूरी के एक ट्वीट से. हरदीप सिंह पुरी के ट्वीट के ज़रिए जानकारी दी कि सरकार अब देश की राजधानी दिल्ली के बक्करवाला में रोहिंग्याओ को EWS फ्लैट्स में शिफ्ट करेगी. केंद्रीय मंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा की “भारत ने हमेशा उन लोगों का स्वागत किया है जिन्होंने देश में शरण मांगी है. एक ऐतिहासिक फैसले में सभी #रोहिंग्या #शरणार्थियों को दिल्ली के बक्करवाला इलाके में ईडब्ल्यूएस फ्लैटों में स्थानांतरित कर दिया जाएगा. उन्हें बुनियादी सुविधाएं, यूएनएचसीआर आईडी और चौबीसों घंटे दिल्ली पुलिस (@DelhiPolice) का संरक्षण दिया जाएगा.”


अपनी सरकार की शरणार्थी नीति की तारीफ करते हुए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने एक और ट्वीट किया. अपने पहले ट्वीट को टैग करते हुए केंद्रीय मंत्री ने लिखा “ जिन लोगों ने भारत की शरणार्थी नीति को जानबूझकर #CAA से जोड़ और अफवाह फैलाकर करियर बनाया, वे निराश होंगे. भारत न सिर्फ यूएन शरणार्थी सम्मेलन 1951 का सम्मान करता है बल्कि उसका अनुसरण भी करता है और सभी को उनकी जाति, धर्म या पंथ की परवाह किए बिना शरण प्रदान करता है.”


केंद्रीय मंत्री के इस ट्वीट के बाद आप नेता सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी को घेरा. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ‘भारत के अंदर रोहिंग्या लाने वाले भाजपाई, अब बसाने वाले भाजपाई, अपनी पीठ थप थापने वाले भी भाजपाई’.

ट्वीटर तक तो मामला फिर भी सही था लेकिन एक मीडिया चैनल ने इस ख़बर को पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों की स्थिति से जोड़ के चला दिया. असर ये हुआ कि सरकार के इस तथाकथित फैसले से विश्व हिंदू परिषद भी काफी नाराज हो गया.
नतीज़ा ये हुआ की फिर इस मामले में गृह मंत्रालय को कूदना पड़ा और स्पष्टीकरण दिया गया कि ऐसी किसी योजना को लेकर आगे बढ़ने का इरादा नहीं है. गृह मंत्रालय ने भी स्पष्टीकरण के लिए ट्वीटर का सहारा लिया और ट्वीट किया कि रोहिंग्या अवैध विदेशियों के संबंध में मीडिया के कुछ हिस्सों में समाचार रिपोर्टों के बारे में यह स्पष्ट किया जाता है कि गृह मंत्रालय (एमएचए) ने नई दिल्ली के बक्करवाला में रोहिंग्या अवैध प्रवासियों को ईडब्ल्यूएस फ्लैट प्रदान करने के लिए कोई निर्देश नहीं दिया है.
इसके साथ ही गृह मंत्रलय ने एक दूसरे ट्वीट भी किया जिसमें बताया गया कि: दिल्ली सरकार ने रोहिंग्याओं को एक नए स्थान पर स्थानांतरित करने का प्रस्ताव रखा था. MHA ने GNCTD को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि रोहिंग्या अवैध विदेशी वर्तमान स्थान पर बने रहेंगे क्योंकि MHA पहले ही MEA के जरिए संबंधित देश के साथ उनके निर्वासन का मामला उठा चुका है.
इसके बाद गृह मंत्रालय ने एक तीसरे ट्वीट भी किया जिसमें स्थिति को और स्पष्ट करते हुए कहा गया कि अवैध विदेशियों को कानून के अनुसार उनके निर्वासन तक डिटेंशन सेंटर में रखा जाना है. दिल्ली सरकार ने वर्तमान स्थान को डिटेंशन सेंटर घोषित नहीं किया है. उन्हें तत्काल ऐसा करने के निर्देश दिए गए हैं.


मतलब जो रोहिंग्या सुबह केंद्रीय मंत्री के ट्वीट पर नए घर की खुशी मना रहे होंगे शाम तक वो अपनी आज़ादी गवा डिटेंशन सेंटर में रखे जाने से परेशान हो गए होंगे. बीजेपी और सरकार में शायद ये ही फर्क है सुबह तक सरकार देश की छवि दुनिया में चमकाने के लिए घर देने को तैयार थी वो ही सरकार घरेलू राजनीति के लिए उनसे न सिर्फ पल्ला झाड़ती दिखी बल्कि उनके लिए अपनी द्वेष का भाव व्यक्त करने को मजबूर हो गई.

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news