राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से होते हुए तेलंगाना पहुंच गई है. 23 अक्टूबर को ‘भारत जोड़ो यात्रा’ ने कर्नाटक के रायचूर से निकलकर गुडेबेलूर के रास्ते तेलंगाना में प्रवेश किया था. जिसके बाद यात्रा को तीन दिन के लिए दीवाली ब्रेक दिया गया था. इस दौरान राहुल गांधी कांग्रेस के नव निर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की ताजपोशी लिए दिल्ली पहुंचे थे. गुरुवार को भारत जोड़ों यात्रा का 50वें दिन की शुरुआत हुई. गुरुवार सुबह नारायणपेट के मकथल से राहुल गांधी ने अपनी यात्रा की फिर शुरुआत की. भारत जोड़ों यात्रा को तेलंगाना में भी काफी समर्थन मिलता दिख रहा है. आम लोगों में भी यात्रा को लेकर उत्साह और जिज्ञासा देखने को मिल रही है. तेलंगाना में यात्रा 19 विधानसभा और सात संसदीय क्षेत्रों से होते हुए 375 किलोमीटर की दूरी तय करेगी
LIVE: After a 3-day break #BharatJodoYatra resumes from Narayanpet district, Telangana. https://t.co/MrWxKmoziD
— Congress (@INCIndia) October 27, 2022
राहुल ने बजाया ढोल
यात्रा जहां-जहां से गुज़र रही है वहां के लोक कलाकार उससे जुड़ रहे है. तेलंगाना में संघर्ष और संगीत का अनोखा साथ रहा है. यहाँ कि लोक संगीत में संघर्ष की कई कहानियां सुनने को मिलती है. राहुल की यात्रा में भी इन लोक कलाकारों की मौजूदगी देखने को मिल रही है. खुद राहुल गांधी इन कलाकारों के साथ ताल मिलाते नज़र आ रहे हैं
जहां जाओ…वहां के हो जाओ
जीवन को उनके, कुछ इस कदर जिओ।#BharatJodoYatra pic.twitter.com/jiEY86yfnv— Congress (@INCIndia) October 27, 2022
गुरुवार को कन्याका परमेश्वरी मंदिर जाएंगे राहुल-सूत्र
सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी गुरुवार को कन्याका परमेश्वरी मंदिर में दर्शन करेंगे. सुबह राहुल ने मकथल से यात्रा की शुरुआत की बताया जा रहा है कि कन्याका परमेश्वरी मंदिर उस जगह से 3 किलोमीटर दूर है.
7 नंवबर को महाराष्ट्र से प्रवेश करेगी यात्रा
भारत जोड़ो यात्रा सात सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई थी. यात्रा के तेलंगाना चरण की शुरुआत से पहले गांधी ने केरल, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में लंबी यात्रा पूरी की
तेलंगाना में 16 दिन बिताने के बाद कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा 7 नवंबर को महाराष्ट्र में प्रवेश करेगी. जहां शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार यात्रा का स्वागत करने पहुंचेंगे. दक्षिण भारत में कर्नाटक को छोड़ दें, तो बीजेपी की ज्यादा पकड़ नहीं है इसलिए जैसे जैसे यात्रा मध्य और उत्तर भारत की ओर बढ़ेगी इसको लेकर राजनीति तेज़ होती जाएंगी.