दिल्ली
फिल्म आदिपुरुष को लेकर जारी विवाद के बीच अब उत्तर प्रदेश के सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने अलग ही मोर्चा खोल दिया है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि मैंने तो रामाय़ण की चौपाई पर एक बात कही थी, तो लोग मेरी हत्या करने, सिर से धड़ अलग करने , जीभ काटने , नाक कान काटने के लिए उतारु थे , अब वे लोग कहां चले गये , आज उनकी बोलती क्यों बंद है ? इसलिए न कि क्योंकि मनोज मुंतसिर और औम राउत बडी जाति के लोग हैं.
आदिपुरुष फिल्म में रामायण के सभी पात्र यथा मर्यादा पुरुषोत्तम राम, प्रकांड महारथी व विद्वान रावण, आज्ञाकारी भाई लक्ष्मण एवं आज्ञाकारी भक्त, सेवक व राजदूत हनुमान के माध्यम से मनोज मुन्तसिर एवं ओम राऊत ने जिस तरीके से अमर्यादित स्तरहीन गुंडे, मवाली व टपोरियों की भाषा बोलवाकर इन…
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) June 18, 2023
फिल्म आदिपुरुष में रामायण के सभी पात्रों भगवान श्री राम से लेकर लक्ष्मणजी, भगवान हनुमान और प्रकांड विद्वान रावण तक से ऐसे डायलॉग बुलवाये गये है जो ना केवल स्तरहीन है बल्कि गुंडे मावालियो की भाषा बोलते नजर आ रहे हैं.
देवी देवताओं के उपहास पर सनातमी चुप क्योंं ?- स्वामी प्रसाद मौर्या
फिल्म में इन महान चरित्रों के मुंह से ऐसे डायलॉग बुलवाकर हिंदु धर्म के देवी देवताओं का उपहास उड़ाया गया है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने सवाल पूछा है कि क्या अब इससे हिंदु धर्म के ठेकेदारों और सनातन धर्म का अपमान नहीं हुआ है ?
स्वामी प्रसाद मौर्य ने उन साधू संतो से सवाल किया है कि आतंवादियो की भाषा बोलने वाले वे साधु संत कहां चले गये जो तलवार से सिर काटने औऱ जीभ काटने की धमकियां दे रहे थे. आज उनकी बोलती क्यों बंद है?
मैंने तो केवल एक चौपाई पर सवाल उठाया था- स्वामी प्रसाद मौर्य
स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि मैंने तो किसी धर्म, आराध्य पर कोई टिप्पणी भी नहीं की थी बल्कि हमने तो मानस के मात्र उन चौपाइयों के अंश को संशोधित व प्रतिबंधित करने की मांग की थी जिसमे तुलसीदास जातीय कुंठा से ग्रसित होकर शूद्र वर्ण में आने वाली जातियों को व देश की समस्त महिलाओ को मारने-पीटने, प्रताड़ित करने, नीच व अधम कहने, नीच से भी नीच करार करने तथा अपमानित करने की बात कही थी, से मुक्ति दिलाकर उनके सम्मान का रास्ता प्रशस्त करने की बात की थी.