भोपाल: मध्य प्रदेश में लोगों पर 1 अप्रैल से बिजली का झटका बिल के रूप में लगने जा रहा है. 1 अप्रैल से बिजली की दरों में 3.46 फीसदी की बढ़ोत्तरी होने जा रही है. विद्युत नियामक आयोग ने बढ़ी हुई दरों का 2025-26 का टैरिफ आदेश जारी कर दिया है. हालांकि न्यूनतम प्रभार खत्म कर बिजली उपभोक्ताओं को मामूली राहत भी दी गई है. वहीं पीक ऑवर्स में बिजली जलाने पर उसके ज्यादा बिजली भुगतान करना होगा.
26 पैसे प्रति यूनिट ज्यादा देने होंगे
बिजली की नई दर 1 अप्रैल से लागू हो जाएंगी, यानी मई माह को बिजली बिल बढ़ी हुई दरों के साथ आएगा. महीने में 50 यूनिट तक बिजली जलाने वालों को 18 पैसे यूनिट ज्यादा देने होंगे. वहीं 150 यूनिट तक खपत करने पर 26 पैसे प्रति यूनिट महंगी बिजली बिल देना होगा. बिजली कंपनियों ने औसतम 7.52 फीसदी बिजली बिल बढ़ोत्तरी की मांग की थी. आयोग ने न्यूनतम प्रभार खत्म कर दिया है. इससे निम्न दाब और मौसमी उच्च दाब उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी. इसके अलावा उपभोक्ताओं को कोई मीटरिंग प्रभार भी अब नहीं देना होगा.
अब प्रति यूनिट इतना देना होगा बिल
0 से 50 यूनिट
इस स्लैब के बिजली उपभोक्ताओं को पहले 4.27 प्रति यूनिट के हिसाब से बिल देना होता था, उन्हें अब 4.45 प्रति यूनिट के हिसाब से बिल देना होगा.
51 से 150 यूनिट
इस स्लैब के बिजली उपभोक्ताओं को पहले 5.23 यूनिट के हिसाब से बिल भुगतान करना होता था, उन्हें अब 5.41 यूनिट के हिसाब से बिल देना होगा.
151-300 यूनिट
इस स्लैब के उपभोक्ताओं को पहले 6.61 यूनिट के हिसाब से बिल भुगतान करना होता था, अब 6.79 प्रति यूनिट के हिसाब से बिल भुगतान करना होगा.
300 यूनिट से ज्यादा
जिन उपभोक्ताओं की बिजली खपत हर माह 300 यूनिट से ज्यादा है. उन्हें पहले 6.80 यूनिट के हिसाब से बिल देना होता था, अब 6.98 यूनिट के हिसाब से बिल देना होगा.
यह मिली नए टैरिट में राहत
बिजली कंपनियां अब स्मार्ट मीटर लगा रही हैं, लेकिन स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं को टैरिफ में आंशिक छूट मिलेगी. इसी तरह सोलर अवधि में ऊर्जा प्रभार में 20 फीसदी की छूट मिलेगी.
प्रीपेड उपभोक्ताओं को छूट और प्रोत्साहन की व्यवस्था पहले की तरह जारी रहेगी.
10 किलोवाट से ज्यादा भार वाले निम्न दाब श्रेणी को घरेगी एवं सामान्य जल प्रदाय, स्ट्रीट लाइट एवं एचवी-6 के उपभोक्ताओं को टाइम ऑफ डे डैरिफ में लाया जाएगा.
उच्च दाब उपभोक्ताओं को रात में उपभोग पर पहले की तरह आंशिक संशोधन के साथ राहत मिलती रहेगी. ऊर्जा प्रभार में जून से सितंबर तक 10 फीसदी और बाकी महीनों में 7.50 फीसदी की राहत मिलने का प्रावधान है. उच्च दाब, अति उच्च दाब उपभोक्ताओं को छूट और प्रोत्साहन की व्यवस्था रहेगी.