Sunday, June 8, 2025

India Pakistan ceasefire: डोनाल्ड ट्रंप के बार-बार संघर्ष विराम दावों पर बोले शशि थरूर: ‘भारत को मनाने की जरूरत नहीं थी’

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India Pakistan ceasefire: मंगलवार को कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अपने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की ब्राजील यात्रा समाप्त करते हुए सोमवार को कहा कि यदि नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच संघर्ष को रोकने की प्रक्रिया में कोई अमेरिकी अनुनय-विनय हुई भी तो वह पाकिस्तान में होगी, क्योंकि भारत को इसे रोकने के लिए किसी अनुनय-विनय की आवश्यकता नहीं है.

किसी को हमें रोकने के लिए मनाने की जरूरत नहीं थी- थरुर

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम समझौते में मध्यस्थता करने के बार-बार किए गए दावों के बारे में थरूर ने कहा, “किसी को हमें रोकने के लिए मनाने की जरूरत नहीं थी. हमने पहले ही रुकने के लिए कहा था. अगर अमेरिकी राष्ट्रपति या उनके वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कोई समझाने की कोशिश की गई होती, तो वह पाकिस्तानियों को मनाने के लिए होती. उन्हें मनाना पड़ता. हमें मनाने की जरूरत नहीं है क्योंकि हम युद्ध नहीं चाहते हैं.”
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कांग्रेस सांसद ने कहा कि भारत अमेरिकी राष्ट्रपति पद का बहुत सम्मान करता है और वह इसी बात को ध्यान में रखकर बात करेगा, लेकिन यह भी सच है कि “हमारी समझ थोड़ी अलग है”.
थरूर ने कहा कि भारत संघर्ष नहीं, शांति चाहता है और विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहता है, “यही मूल संदेश है”.
कांग्रेस नेता ने आगे स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दिन से ही, यानी 7 मई को, भारत ने सख्ती से कहा है कि वह संघर्ष को लंबा खींचने में दिलचस्पी नहीं रखता है. उन्होंने कहा, “यह किसी तरह के युद्ध की शुरूआत नहीं है. यह आतंकवादियों के खिलाफ बदला लेने के लिए है. अगर पाकिस्तान ने कोई प्रतिक्रिया नहीं की होती, तो हम भी कोई प्रतिक्रिया नहीं करते.”

India Pakistan ceasefire: ट्रंप ने संघर्ष को रुकवाने का कई बार दावा किया

ट्रंप ने बार-बार भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम समझौते का श्रेय लेते हुए कहा है कि उन्होंने संघर्ष को रोकने के बदले में दोनों देशों के साथ व्यापार बढ़ाने की पेशकश की है. उन्होंने दावा किया है कि उन्होंने एक बड़े परमाणु संकट को होने से रोका है. इस बीच, थरूर ने कहा कि अमेरिकी मीडिया में बहुत भीड़ है, लेकिन लोगों का ध्यान खींचना मुश्किल है. उन्होंने कहा, “इसलिए, हमारी कहानी शायद उनके दिमाग में सबसे ऊपर न हो. लेकिन अगर हम उन लोगों का ध्यान आकर्षित कर सकें जो दक्षिण एशिया की परवाह करते हैं, जो भारत की परवाह करते हैं, जो आतंकवाद की परवाह करते हैं, तो हम अपना संदेश बहुत आसानी से पहुंचा सकते हैं.”
एक साथ होगा भारत-पाकिस्तान का प्रतिनिधिमंडल अमेरिका में
कांग्रेस नेता ने कहा कि उनके प्रतिनिधिमंडल की अमेरिका यात्रा के बारे में दिलचस्प तथ्य यह है कि पाकिस्तान का प्रतिनिधिमंडल भी वहां होगा.
उन्होंने कहा, “कल वे लगभग वाशिंगटन में होंगे, जबकि हम उसी दिन वाशिंगटन में हैं. इसलिए शायद इस बात की वजह से दिलचस्पी बढ़ेगी कि एक ही शहर में दो प्रतिनिधिमंडल एक साथ होंगे.”

भारत के लिए अमेरिका हर स्तर पर महत्वपूर्ण- थरूर

थरूर ने भारत-अमेरिका संबंधों पर प्रकाश डाला और कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि सुरक्षा परिषद भारत और अमेरिका के संबंधों का एक छोटा सा हिस्सा है.
उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, “चाहे व्यापार की बात हो, चाहे रक्षा की बात हो, चाहे खुफिया जानकारी साझा करने की बात हो, चाहे जी-20 में क्वाड में हमारी भागीदारी की बात हो, ऐसे कई रास्ते हैं जिनमें हम अमेरिका के साथ सहयोग कर सकते हैं.”

एक ही दिन वाशिंगटन में होंगे भारत-पाक के प्रतिनिधिमंडल

पाकिस्तान द्वारा भेजे गए प्रतिनिधिमंडल का जिक्र करते हुए थरूर ने कहा कि यह संयोग से नहीं है. लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि इस्लामाबाद का प्रतिनिधिमंडल भारतीय समूहों की तरह कई देशों में नहीं जा रहा है.
उन्होंने कहा, “वे उन कुछ प्रमुख राजधानियों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिन्हें वे वाशिंगटन, ब्रुसेल्स और लंदन मानते हैं. ऐसा लगता है कि पाकिस्तानी प्रयास का जोर इसी पर है. हम उन सभी राजधानियों और उससे भी अधिक जगहों पर गए हैं.”

वाशिंगटन में थरूर के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल किस किस से मिलेगा

शशि थरूर ने वाशिंगटन की अपनी यात्रा के दौरान अपने प्रतिनिधिमंडल के कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि वाशिंगटन में जनमत, सरकारी अधिकारियों, विधायकों, सीनेटरों और कांग्रेसियों, सदन और सीनेट की विभिन्न समितियों, थिंक टैंक, मीडिया और कुछ सार्वजनिक संबोधनों आदि के साथ बैठकों की एक श्रृंखला निर्धारित की गई है.
थरूर के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में तेजस्वी सूर्या (भाजपा), शशांक मणि त्रिपाठी (भाजपा), भुवनेश्वर कलिता (भाजपा), सरफराज अहमद (झामुमो), हरीश मधुर बालयोगी (तेदेपा), मिलिंद देवड़ा (शिवसेना) और अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरनजीत संधू शामिल हैं.
टीम ने अब तक गुयाना, पनामा, कोलंबिया और ब्राजील का दौरा किया है.

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